भारत

दशहरा-दिवाली पर न हो करेंसी संकट, RBI करेगी 36,000 करोड़ रुपये का संचार

नोटबंदी के बाद देश में आया करेंसी संकट ने देश भर में हाहाकार मचा दिया था।

लोगों के हर एक छोटी बड़ी खरीद के लिए खासा परेशानियों का सामना करना पड़ा था। साल 2016 में बीते 8 नंबर की रात हुई अचानक नोटबंदी की घोषणा ने सम्पूर्ण देश में कैरंसी संकट ला दिया था।

सरकार के इसी तरह के फैसलों पर बीते दिनों केन्द्रीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यह कहा है कि वह अक्टूबर के दौरान मुद्रा बाजार में 360 बिलियन का कैश अमाउंट यानि 4.95 बिलियन डॉलर का संचार करेगी।

केन्द्रीय रिजर्व बैंक ने यह कदम मुद्रा बाजार में क्रेडिट की कमी के चलते उठाया है। साथ ही केन्द्रीय रिजर्व बैंक ने अपने इस कदम को लेकर यह उम्मीद भी जताई है कि इस संचार से उसे आने वाले त्यौहारों के दौरान करेंसी संकट –  नहीं होगा और बाजार में करेंसी को प्रर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराने में काफी बड़ी मदद मिलेगी।

आखिर क्यों उठाया केन्द्रीय रिजर्व बैंक ने यह कदम

केन्द्रीय रिजर्व बैंक द्वारा यह कदम केन्द्र सरकार द्वारा अपने कर्ज में 700 बिलियन रूपयें की कटौती के बाद लिया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा 700 बिलियन रूपयें की कटौती के एलान के बाद यह साफ माना जा रहा था कि केन्द्रिय रिजर्व बैंक सरकारी बॉन्ड की बाईबैक के लिए पूरी तरह से तैयार है। बता दे कि इससे पहले 27 सितंबर को जारी प्रेस रिलीज के जरिए केन्द्रीय बैंक ने दावा किया था कि वह मुद्रा बाजार में जरूरत के अनुसार करेंसी मामले में तरलता रखने के लिए तैयार है।  तो वहीं दूसरी ओर केन्द्रीय रिजर्व बैंक बैंक के मुताबिक अक्टूबर के दूसरे, तीसरे और चौथे हफ्ते के दौरान RBI ओपन मार्केट ऑपरेशन के तहत सरकारी ब्रांडों की खरीददारी करेगा। हालांकि अपने इस बयान के अलावा केन्द्रीय रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि सरकारी ब्रॉन्ड खरीदने की उसकी निर्धारित समय सीमा को वह बाजार में उसकी मांग व तरलता के बदल भी सकता है।

इसी के अलावा बीते सोमवार को मुद्रा बाजार में भारत सरकार के बॉन्ड ईल्ड अपने एक महीने के नीचले स्तर पर पहुंच गया है। बतां दे कि सरकार के बॉन्ड के निवेशकों ने केन्द्र सरकार के कर्ज में कटौती के फैसले के चलते बॉन्ड में अपना डर जाहिर किया है। केन्द्र सरकार का बेंचमार्क 10 साल के बॉन्ड ईल्ड 12 बेसिस प्वाइंट की गिरावट के साथ 7.90 फीसदी पर रहा। लगातार गिरते इस स्तर में बीते 29 अगस्त को यह अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया।

देश में आये एक बार के करेंसी संकट ने केन्द्रीय रिजर्व बैंक को इस तरफ यह फैसला लेने पर मजबूर कर दिया है। नोटबंदी के बाद से बीते दो वर्षो में त्यौहारों के दौरान मुद्रा बाजार में करेंसी की कमी खासे तौर पर रही, जिसे देखते हुए इस साल केन्द्रीय रिजर्व बैंक ने यह फैसला लिया है।

अब केन्द्रीय रिजर्व बैंक का यह फैसला मुद्रा बाजार और आम लोगों के लिए कितना सही साबित होता है, ये तो आने वाले त्यौहारे के साथ ही बताया जा सकता है।

Kavita Tiwari

Share
Published by
Kavita Tiwari

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago