किशोरों के बीच पीयर प्रेशर की गंभीर समस्या

किशोरावस्था उम्र का एक अलग ही प्रकार का पड़ाव होता है.

यह उम्र ही कुछ ऐसी होती है जब आप हर पल एक नए अनुभव की ओर बढ़ते हैं. वो कहते हैं न, ‘जवानी का जोश’, मन एक बात पर न टिक  कर . जी हाँ, इसी उम्र में एक किशोर, मानसिक, भावनात्मक और बौद्धिक बदलाव से गुज़रता है.

इस दौरान शरीर का हार्मोनल लेवल तेज़ हो जाता है और हमार खायातों में अचानक बदलाव आता है. इस वक़्त साथियों का दबाव या पीयर प्रेशर भी किशोरों पर पड़ता है.

इस समय बच्चों पर उनके आस-पास के लोग और दोस्तों का प्रभाव ज्यादा रहता है और कई बार उनके दबाव में आकर वे ऐसी कई गलत चीज़ों में पड़ जातें हैं जिसका खामियाजा उन्हें कई बार भुगतना पड़ सकता है. इसी के साथ ही किशोरों की इस समय परिवार से एक अलग प्रकार की दूरी भी बना लेते हैं. उन्हें अपने हमउम्र का साथ और बातें सही लगती न की अपने माता और पिता की.

इस तरह से येही उम्र होती है जब लोग अपने आस-पास के दोस्त, स्कूल के सीनियर्स और उनके संपक में आते हैं. हर किशोर इस उम्र में साथियों द्वारा एक तरह के दबाव से गुज़रता है. कई लोगों के साथ साथी द्वारा या एक समूह द्वारा बुरा बर्ताव होने के कारण भी कई प्रकार के नतीजे निकल सकते हैं. बहुत से बच्चे इस बीच नादानी में कुछ अप्रिय घटना होने के कारण डिप्रेशन में भी चलें जाते हैं जिससे की उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है.

दोस्तों का इस उम्र में सबसे गहरा असर पड़ता है. अक्सर लोग इस पर ध्यान देते हैं कि उनके दोस्त और साथी क्या पहनते हैं, क्या खाते हैं और वही चीज़ वे भी करना चाहते हैं ताकि उनके साथ रह सकें. एक अलग प्रकार का आकर्षण इस उम्र में होता है किशोरों के बीच और चूँकि वो कई तरह के शारीरिक बदलाव से भी गुज़रते हैं तो इस कारण कई बार उनके व्यवहार में भी बदलाव आता है.

बढ़ते फ़ोन के इस्तेमाल ने भी साड़ी चीज़ों पर बुरा असर डाला है. इनकी वजह से किशोरे अपनी पढाई पर अची तरह से ध्यान नहीं दे पाते हैं और इससे उनके करियर पर भी बुरा असर पड़ता है जो उनके भविष्य के लिए भी हानिकारक हो सकता है.

पीयर प्रेशर या साथियों के दबाव का सबसे ज्यादा असर होता है किशोरों की बुरी आदतों पर जैसे ड्रग्स और शराब का सेवन. ऐसा मानना है कि भारत में करीब ३०% किशोर इन बुरी आदतों से घिरे हुए हैं.

देश की कई संस्थानें इस किशोरों की इस गंभीर समस्या से लड़ रही है. ये किशोरे ही हैं जो हमारे देश का आने वाला कल है और इसलिए ज़रूरी है कि हमारे भविष्य की नीव मज़बूत हो.

Prachi Karnawat

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