राजनीति

असदुद्दीन ओवैसी ने सरेआम भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर दिया है !

धर्म के नाम पर लड़ने वालों को बस कुछ ना कुछ उल्टा और खुराफाती मुद्दा चाहिए होता है.

अब आप ही बताइए कि जब देश के प्रधानमंत्री लखनऊ में रैली कर रहे थे और दशहरे के मौके पर उन्होंने जय श्री राम बोल दिया तो क्या उन्होंने पाप कर दिया है?

एमआइएम अध्यक्ष और हैदराबाद संसदीय सीट से सांसद असदुद्दीन ओवैसी का बोलना है कि इस तरह से खुलेआम रामलीला में नरेन्द्र मोदी के जय श्री राम बोलने से भारत हिन्दू राष्ट्र बन जायेगा.

तो सबसे पहला सवाल सांसद असदुद्दीन ओवैसी से है कि जब वह अपने संसदीय क्षेत्र में अल्ला का नाम लेते हैं तो क्या वह अपने क्षेत्र को मुस्लिम घोषित करना चाहते हैं?

आप भी देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. जनता का पैसा आप भी सैलरी के रूप में ले रहे हैं. आपकी सैलरी में हिन्दुओं का भी पैसा होता है किन्तु आप अपने यहाँ सभाओं में अल्लाह का ही नाम लेते हैं. यही हाल आपके भाई का भी है.

सांसद असदुद्दीन ओवैसी के ब्यान को उन्हीं पर घुमाकर जब हम देखते हैं तो नजर आता है कि वह अपने क्षेत्र को मुस्लिम घोषित करना चाहते हैं. साथ ही साथ दोनों ओवैसी भाई तो खुलेआम हिन्दुओं को काटने की भी बात कर देते हैं. तब तो आपके पेट में कोई मरोड़ नहीं उठती है.

लेकिन जब प्रधानमंत्री ने जय श्री राम बोलकर अपने भगवान को याद कर लिया तो क्या इससे भारत हिन्दू राष्ट्र बन जायेगा?

संविधान अपने धर्म की पूजा का अधिकार हर व्यक्ति को देता है –

भारत के संविधान में देश का प्रधानमन्त्री भी देश का नागरिक है. संविधान इनको भी अधिकार देता है कि आप अपने धर्म की पूजा करें. बस किसी और धर्म को नीचा दिखाने का काम आप नहीं कर सकते हैं. बात भी सही है क्योकि आप अपने धर्म की इज्जत करें किन्तु अन्य धर्मों की इज्जत करना आपका कर्तव्य बनता है. नरेन्द्र मोदी ने इस सभा के अन्दर किसी अन्य धर्म को नीचा दिखाने का काम नहीं किया है. नरेन्द्र मोदी हिन्दू हैं तो वह इस लिहाज से जय श्री राम बोल सकते हैं.

किन्तु वहीँ असदुद्दीन ओवैसी को यह नहीं दिखा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने मोहरम के चलते दुर्गा पूजा को रोकने का फरमान सुनाया था. यदि असदुद्दीन ओवैसी सच्चे दिल के होते और सभी धर्मों का आदर करते तो वह ममता के इस कदम की भी निंदा करते. किन्तु असल में असदुद्दीन ओवैसी धर्म को राजनीति करना चाहते हैं. वह धर्म के नाम पर लोगों को तोड़ना चाहते हैं. और इसलिए यह हमेशा से अपने सच्चे मुस्लिम लोगों को बरगलाने का भी काम करते हैं.

यह दशहरा की रैली थी ना कि चुनावी सभा थी –

साथ ही साथ सांसद असदुद्दीन ओवैसी को याद दिलाना चाहिए कि दशहरा की रैली वैसे भी धार्मिक रैली होती है.

यहाँ पर राम रावण का वध करते हैं और यहाँ शायद की कोई मुस्लिम भाई आया होगा जो राम के द्वारा रावण वध को देख रहा होगा. ऐसे में असदुद्दीन ओवैसी कैसे इस रैली को सार्वजनिक सभा बोल सकते हैं. इस अवसर पर जहाँ रामनवमी का आयोजन हो रहा हो, वहां कोई भी व्यक्ति जय श्री राम ही बोलेगा.

तो साफ़ हो जाता है कि सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस मुद्दे को उठाकर, सिर्फ और सिर्फ लोगों को बांटने का काम किया है. झूठी और छोटी राजनीति का इससे बड़ा उदाहरण आपको कहीं नहीं मिल सकता है.सांसद असदुद्दीन ओवैसी नें भारत को सरेआम हिन्दू राष्ट्र घोषित करके, हिन्दू-मुस्लिम प्यार को खत्म करने की कोशिश की है.

Chandra Kant S

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Chandra Kant S

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