इतिहास

एक श्राप की वजह से बरसों से वीरान है कुलधरा गावँ! एक रहस्य ये भी!

क्या आप विश्वास करते हैं श्राप में?

क्या आपको लगता है कि ग़ुस्से में या बहुत दुखी होकर किसी को बोले हुए कड़वे वचन सच हो सकते हैं?

थोड़ी क़िस्से-कहानियों की बातें लगती हैं ये, है ना?

पर नहीं, ऐसा सच में होता है और हुआ भी है!

कहीं और नहीं, हमारे ही देश में, राजस्थान के जैसलमेर से सिर्फ़ 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कुलधरा गावँ में और इस रहस्य को पिछले 170 सालों से लेकर आज तक कोई नहीं सुलझा पाया!

ये गावँ बसाया था बहुत ही पढ़े लिखे, मेहनती और अमीर ब्राह्मणों ने सन 1290 में! बड़ी ख़ुशहाल ज़िन्दगी थी यहाँ के लोगों की जहाँ पालीवाल ब्राह्मण रहा करते थे| उनके समुदाय में क़रीब 84 गावँ आते थे और ये भी उन्हीं का एक हिस्सा था!

लेकिन फिर इस गावँ को नज़र लग गयी वहीं के दीवान सालम सिंह की| अय्याशी में चूर इस दीवान की गन्दी नज़र एक ब्राह्मण की बेटी पर जा पड़ी! ऐसी पड़ी की उसे दिन-रात उस लड़की के अलावा ना कुछ दिखता था, ना कुछ सूझता था! हवस की आग ऐसी सर चढ़ी उसके कि उसने उस लड़की का रिश्ता उसके पिता से माँग लिया और साथ में शर्त रख डाली कि या तो रिश्ता मंज़ूर करो वरना सुबह-सुबह हमला करके बेटी उठा ले जाऊँगा!

ब्राह्मण भले ही बलपूर्वक दीवान का मुक़ाबला करने में असमर्थ रहे हों लेकिन अपनी घर की बहू-बेटियों की इज़्ज़त बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी उन्होंने! रातों रात सभी गावँ की बैठक बुलाई गयी, फ़ैसला किया गया की गावँ छोड़ देंगे पर बेटी नहीं देंगे! वो एक रात थी जब उस गावँ में कोई रहा था और उसके अगली सुबह उस गावँ में वीराने का सन्नाटा था! जाते-जाते ब्राह्मण श्राप दे गए कि वो तो जा रहे हैं, उस गावँ में कोई और भी कभी नहीं रह पायेगा!

यकीन मानिए दोस्तों, वो दिन है और आज का दिन है, चाह कर भी कोई उस गावँ में बस नहीं पाया! अब तो वो पर्यटकों के देखने लायक एक जगह बन गयी है लेकिन जो भी वहाँ जाता है, उसे एहसास होता है कि उसके आस-पास कोई चल रहा है, कोई उन्हें देख रहा है, कोई उनके आस-पास ही है, पर दिखता कुछ नहीं है! बसा-बसाया गावँ एक ही रात में खँडहर हो गया और इस राज़ पर पर्दाफ़ाश आज तक कोई नहीं कर पाया कि वहाँ आख़िर होता क्या है!

एक रात में हज़ारों को अपना घर, अपना जीवन छोड़ के कहीं और जाना पड़ा! अब इस त्रासदी में दुखी होकर ब्राह्मण श्राप ना देते तो क्या करते? और ऐसा श्राप ना लगे तो श्राप का फ़ायदा ही क्या?

सौ बात की एक बात: किसी को दुःख मत पहुँचाओ! आह निकलती है तो लगती भी है!

Nitish Bakshi

Share
Published by
Nitish Bakshi

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago