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क्या नील आर्मस्ट्रांग वाकई में चाँद पर उतरे थे या वह सब एक झूठ था?

जब 1969 में पहली बार इंसान चाँद पर गया तो कई सपनों को एक नई शुरुआत मिली!

इंसान ने सारे ब्रम्हांड को एक तरह से बता दिया कि नई जगहों का अन्वेषण करने के लिए वह अब तैयार है और पृथ्वी से आगे बढ़ने में अब इंसान को कोई दिक्कत नहीं!

नील आर्मस्ट्रांग पहले मनुष्य थे जो चाँद पर उतरे और फिर उसके बाद एडविन एल्ड्रिन चाँद पर उतरे.

यह कारनामा था अमेरिका के NASA का अपोलो 11 मिशन का!

लेकिन इस मिशन में कई ऐसी बातें थीं जो बिलकुल समझाई नहीं जा सकती. कई लोगों ने इसे अमरीका की जालसाज़ी बताया, लोगो ने कहा कि पूरा का पूरा अपोलो 11 मिशन एक झूठ था, शीत युद्ध में रूस से आगे निकलने के लिए अमरीकी सरकार ने अपोलो 11 मिशन का ढोंग किया था.

अब आपको लग रहा होगा की इस सब क्या सुबूत है!

चिंता की कोई बात नहीं, ऐसे कई सुबूत और ऐसे कई सिद्धांत हैं जो अपोलो 11 मिशन के झूठ होने की बात का समर्थन देते हैं.

1) लहराता हुआ अमरीकी झंडा.
जब मूनलैंडिंग को पहली बार टी.व्ही पर दिखाया जा रहा था तब साफ़-साफ़ दिखाई दे रहा था कि अमरीकी झंडा लहरा रहा है. अब ये हैरत की बात इसलिए है क्योंकि चाँद पर कोई वायुमंडल है ही नहीं और वहाँ पर हवा का कोई प्रवाह नहीं होता. ऐसी स्थिति में भी अमरीकी झंडा लहरा क्यों रहा है? NASA इस बात का विवरण करने की भरपूर कोशिश की है लेकिन उनकी एक भी बात विश्वास करने लायक नहीं लगती.

2) अंतरिक्ष यात्री के हेलमेट में दिकाई देती स्पॉट लाइट.
जी हाँ, इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि अपोलो मिशन के दौरान इस अंतरिक्ष यात्री के हेलमेट पर स्पॉट लाइट प्रतिबिंब दिखाई दे रहा है. अब आप ही बताइये, भला चाँद पर एक पहले से ही मौजूद स्पॉट लाइट क्या कर रही है. तो क्या अपोलो 11 मिशन स्टूडियो में शूट किया गया था? या फिर इसके पीछे और कई रहस्य छुपे हुए हैं.

3) अपोलो 11 मिशन के विडियो में कहीं तारे नज़र नहीं आते.
अगर आप ध्यान से इस तस्वीर को देखें तो आपको कहीं तारे नज़र ही नहीं आएँगे. चाँद पर तारों का नज़र नहीं आना एक बेहद ही अजीब बात है क्योंकि जैसा की हमने पहले कहा कि चाँद पर कोई वायुमंडल नहीं है तो फिर चाँद से अंतरिक्ष में स्थित चीज़ें बिना किसी दिक्कत से दिखनी चाहिए लेकिन इस तस्वीर में तारे दिख ही नहीं रहे हैं. आपका शक सच्चाई के करीब आ पहुचा होगा.

4) स्टैनली कूब्रिक.
दुनिया भर ए बहुत लोग यह सोचते हैं कि अपोलो 11 मिशन, हॉलीवुड के मशहूर निर्देशक स्टैनली कूब्रिक ने निर्देशित किया था. ऐसा माना जाता है कि 2001: A Space Odyssey के निर्देशन के बाद जो कि कूब्रिक की फिल्म थी जिसमें कूब्रिक ने चाँद की सतह को बड़े अच्छे तरीके से दिखाया था, NASA ने कूब्रिक को अपोलो मिशन बनाने को कहा! यह एक बेहद ताकतवर षड्यंत्र सिद्धांत है.

अब यह सब करके अमरीका न जाने दुनिया को क्या बताना चाहता था. शायद अमरीका रूस से डर गया था और इसलिए NASA ने यह सब किया. अपोलो 11 मिशन में कितनी सच्चाई हैं इस बात को सिर्फ अमरीकी सरकार और भगवान् ही जानते हैं.

पढने के लिए शुक्रिया!

Durgesh Dwivedi

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