पिछली बार भी कानून मंत्री के कारण ही केजरीवाल सरकार को काफी शर्मिंदगी का सामना करना, और इस बार भी कानून मंत्री ही अरविन्द केजरीवाल के शर्मिंदगी का कारण बन रहे हैं.
फर्क सिर्फ इतना है की उस वक़्त सोमनाथ भारती कानून मंत्री थे और अब जीतेंद्र तोमर कानून मंत्री हैं..
तो बस अरविन्द केजरीवाल को लगने लगा की “कानून मंत्रालय” ही उनके लिए पनौती बना हुआ है..
वैसे भी अरविन्द केजरीवाल ने बहुत दिनों से धरना नहीं दिया..उन्हें ये मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहिए..
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