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इसलिए भारत में आलराउंडर की कमी है

भारतीय क्रिकेट के इतिहास को देखे तो ये कहा जा सकता हैं कि पिछले कुछ समय से इंडियन क्रिकेट ने अपना खेल का स्तर काफी ऊँचा कर लिया हैं.

अभी भारत की युवा क्रिकेट टीम में ऐसे बल्लेबाज़ मौजूद है जो किसी भी तरह की गेंदबाज़ी के खिलाफ अपना बेस्ट देते हुए क्रिकेट खेलकर मैच जीत सकते हैं, वहीं भारतीय गेंदबाज़ी में भी पिछले कुछ  समय से बदलाव हुए हैं जिससे इंडियन बोलिंग लाइन बेहतर ही हुई हैं.

लेकिन जब बात आलराउंडर की आती हैं तो पुरे भारतीय क्रिकेट के पास कोई संतोषपूर्ण जवाब मौजूद नहीं हैं.

यदि इंडियन क्रिकेट के पुरे इतिहास में नज़र डाली जाये तो, भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिलदेव अभी तक के बेस्ट आलराउंडर के रूप में सब को याद आते हैं. कपिल देव के बाद इंडियन क्रिकेट टीम में कोई दूसरा आलराउंडर हुआ तो, वो थे इरफ़ान पठान पर इन दो नामों के अलावा अभी तक इंडिया को शायद ही कोई और अच्छा आल राउंडर मिल पाया हैं.

कपिलदेव ने अपने क्रिकेट करियर में कई बेहतरीन परफॉरमेंस दिए हैं, साथ ही अपनी बेहतरीन बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी के दम पर ही उन्होंने इंडिया टीम को कई मैच जितायें हैं. भारत को पहला विश्वकप दिलाने का श्रेय भी पूर्व कप्तान कपिल देव को ही जाता हैं. कपिलदेव के बाद इरफ़ान पठान के रूप में इंडियन क्रिकेट टीम को एक अच्छा आलराउंडर मिला था. इरफ़ान पठान ने अपने क्रिकेट करियर में बतौर आल राउंडर कई अच्छे परफॉरमेंस भी दिए, लेकिन चोट के चलते उनका करियर लम्बा नहीं चल सका. भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तानों में से एक महेंद्र सिंग धोनी ने भी इस बात को लेकर कई बार चिंता जाहिर की हैं हमें एक अच्छे आल राउंडर बहुत ज़रूरत हैं.

इस बात से इतेफाक रखते हुए दुनिया के सबसे बेहतरीन आलराउंडर माने जाने वाले साऊथ अफ्रीका टीम के जैक कालिस ने भी कहा कि अभी की मौजूदा इंडियन क्रिकेट टीम में अच्छे आल राउंडर की बहुत कमी हैं लेकिन इस बात के लिए इस  उपमहाद्वीप के हालात ज़िम्मेदार हैं. मैंने कई बार भारत का दौरा किया हैं और जो बात मुझे समझ आई वो यह हैं कि यहाँ का उष्ण और गर्मी वाला वातावरण अच्छे आल राउंडर बनाने के लिए बिलकुल भी उपयुक्त नहीं हैं. तेज़ गेंदबाज़ के लिए भारत की पिचें प्रतिकूल साबित होती हैं, जिससे वो अच्छा अभ्यास भी नहीं कर पाते हैं.

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कालिस ने कहा कि आलराउंडर प्लेयर्स के लिए अपने शरीर को समझ बहुत ज़रूरी होता हैं. इस तरह के वातावरण में क्रिकेट के दोनों पहलु बैटिंग और बोलिंग में एक साथ प्रयास करना खिलाड़ियों के शरीर पर प्रभाव डालता हैं, जिससे उनका खेल बिगड़ कर किसी एक पहलु के लिए शेष रह जाता हैं.

अभी आईपीएल टीम KKR के मेंटर के रूप में काम कर रहे जैक कालिस ने कहा कि अगर इस माहौल में भी आप अच्छा आलराउंडर बनना चाहते हैं तो क्रिकेट के किसी एक पहलु को पकड़ कर शुरू करे जैसे बल्लेबाज़ी से शुरू करते हुए गेंदबाज़ी में आये या फिर आप इसी क्रम को उल्टा भी कर सकते हैं लेकिन शुरू किसी एक चीज़ से ही करे.

कालिस के यह सुझाव कितना कारगर हैं यह तो तभी पता चल पायेगा जब इंडियन क्रिकेट टीम को फिर से कोई अच्छा आलराउंडर मिल पायेगा जो मैच को जीत में तब्दील कर सके.

Sagar Shri Gupta

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