धर्म और भाग्य

रामेश्वरम धाम की 10 अनदेखी और अनकही बातें! श्री राम ने यहाँ क्यों की थी शिवलिंग की स्थापना !

रामेश्वरम धाम को सभी सनातनी लोग जानते तो हैं कि यह भगवान के चार धाम में से एक धाम है.

किन्तु बहुत ही कम लोग हैं जो यहाँ की महिमा और शक्ति से वाकिफ हैं. तमिलनाडु और भारत के दक्षिण में स्थित रामेश्वरम धाम को पाप की मुक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान बताया गया है.

तो आइये आज हम आपको रामेश्वरम धाम की 10 अनकही और खास बातों से वाकिफ कराते हैं-

1. रामेश्वरम धाम तमिलनाडु प्रांत के रामनाथपुरम जिले में स्थित है. यहाँ विराजित शिवलिंग को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बताया जाता है. इसी बात से साबित हो जाता है कि रामेश्वरम धाम की महिमा कितनी महान है.

2. कहा जाता है कि जब श्रीराम रावण से युद्ध करने जा रहे थे तो राम को एहसास हुआ कि अगर भगवान शिव को प्रसन्न नहीं किया गया तो रावण से युद्ध जीतना मुश्किल होगा. तब राम ने समुद्र किनारे शिवलिंग की स्थापना कर शिव की आराधना की थी. रामेश्वरम धाम वही स्थान है.

3. मंदिर के अंदर मीठे जल के 24 कुंए हैं. इन जल कुंडों का निर्माण भगवान राम ने अपने बाण से किया था. आज 2 जल कुंड तो सुख गये हैं किन्तु बाकी भी सुरक्षित हैं. इनके जल से व्यक्ति के जन्मों-जन्मों के पाप खत्म हो जाते हैं.

4. यदि कोई व्यक्ति असहाय पीड़ा से व्याकुल है और वह सच्चे दिल से रामेश्वरम धाम आता है तो बोला जाता है कि उसकी पीड़ा खत्म हो जाती है. एक तरह से यहाँ आने पर व्यक्ति को नया जन्म मिलता है.

5. एक कहानी यह भी है कि जब युद्ध खत्म हुआ तो भगवान राम ने इस स्थान पर शिव पूजा करने का मन बनाया. तो हनुमान जी को शिवलिंग लाने का काम सौपा गया था. हनुमान जी शिवलिंग लेने कैलाश पर्वत गये थे और यहाँ पूजा का मुहूर्त का समय निकला जा रहा था. तो माता सीता ने रेत का शिवलिंग बनाकर, राम जी की पूजा समय पर करवाई थी. इस बात से हनुमान को दुःख हुआ क्योकि वह काफी दूर से शिवलिंग लेकर आये थे. तब राम ने हनुमान की भावनाओं को समझते हुए, आदेश दिया था कि आप रेत के शिवलिंग को खत्मकर अपना शिवलिंग यहाँ लगा दें. किन्तु बोला जाता है कि हनुमान जी रेत के शिवलिंग को यहाँ से हटा नहीं पाए थे. तभी हनुमान अपनी गलती समझ गये थे.

6. यदि आप शिवपुराण पढ़ते हैं तो वहां भी रामेश्वरम धाम की महिमा का गुणगान किया गया है. शिवपुराण में बताया गया है कि यह धाम कितना महत्वपूर्ण है.

7. रामेश्वरम धाम को जिस तरह से बनाया गया है वह भी देखने लायक चीज है. यहाँ की कलाकारी को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं. भारत के लोगों की तुलना में विदेशी लोगों की संख्या कई बार ज्यादा ही होती है.

8. यदि कोई व्यक्ति रामेश्वरम धाम में जाकर शिव का अभिषेक करता है तो उसके साथ-साथ उसकी सात अन्य पीढ़ियों का भी भगवान पार करते हैं. यहाँ जाने से जिव को आवागमन से भी मुक्ति मिलती है.

9. रामेश्वरम मंदिर के पास ही कई अन्य हिन्दू तीर्थ स्थल हैं, जैसे हनुमानकुंड, अमृतवाटिका और बरामतीर्थ आदि, भक्तों का यहाँ जाना भी जरुरी बताया गया है.

10. मंदिर के पास ही एक जगह ऐसी है जिसके बारें में बताया जाता है यहाँ राम और विभीषण की पहली मुलाकात हुई थी. आज इस स्थान पर मंदिर बना हुआ है.

इस तरह से रामेश्वरम धाम की महिमा को जितना बताया जाये, उतना कम ही है. हर हिन्दू का उद्देश्य होना चाहिए कि जीवन में वह एक बार रामेश्वरम धाम की यात्रा जरुर कर ले. यहाँ आने से व्यक्ति के जन्म-जन्म के पाप कर्म खत्म हो जाते हैं.

Chandra Kant S

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