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क्या अब वक़्त आ गया है कि कश्मीर में पाकिस्तानी झंडे लहराने वालों को ‘सज़ा-ए-मौत’ देने का?

पंजाब को भी कभी पाकिस्तान मदद कर रहा था, जब एक वर्ग पंजाब को खालिस्तान बनाने की मांग कर रहा था.

उस समय सरकार को बहुत ही सख्ती के साथ पेश होना पड़ा था और इसी सख्ती से पाकिस्तान डर गया और तबसे खुलेआम पंजाब को कब्रिस्तान बनाने की बात उसने नहीं की है.

ज्ञात हो कि कट्टरवादी नेताओं ने 1970 के दशक में अलग खालिस्तान की मांग की थी. जिसे भारत और पाकिस्तान के बीच पंजाब में बनाने की योजना थी.

वैसा ही कुछ आज पाकिस्तान कश्मीर में चाहता है. अपने कुछ कट्टरवादी नेताओं को उसने कश्मीर में छोड़ रखा है.

जो कश्मीर को आज़ाद नहीं कराना चाहते हैं बल्कि कश्मीर को पाकिस्तान के अधीन गुलाम बनाना चाहते हैं.

क्या हुआ इस बार कश्मीर में

कश्मीर में कल जब अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी जब कश्मीर लौटे तो वहां उनके स्वागत में श्रीनगर इलाके में पाकिस्तान जिंदाबाद की नारेबाजी हई और पाकिस्तान के झंडे लोगों ने लहराये.

वहीँ अलगाववादी नेता मसर्रत आलम भट ने “मेरी जान… मेरी जान…. पाकिस्तान, पाकिस्तान…” के नारे लगाये और पाकिस्तानी झंडों के साथ हिन्दुस्तान मुर्दाबाद और पाकिस्तान जिंदा बाद के नारे लगाये.

वहीँ कश्मीर पहुंचने के बाद गिलानी का एक और ब्यान आया है कि कश्मीरी पंडितों के लिए अलग कॉलोनी बनाए जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया जायेगा.

कौन है मसरत आलम भट

मसरत आलम को अलगाववादी नेता है. कश्मीर में एक तरह से पाकिस्तानी एजेंट की तरह जो व्यक्ति रह रहा है वह यही व्यक्ति है. मसरत पर देश विरोधी कार्य करने के आरोप हैं. पहले इसी ने सुरक्षाबलों पर नौजवानों को पत्थराव करने के लिए उकसाया था तथा बाद में मसरत सोशल मीडिया पर भारत विरोधी अभियान चलाने के लिए भी जाना जाता है. समय-समय पर यह इंसान मस्जिदों में जाकर लोगों को भारत के खिलाफ भड़काता भी है.

इसे 2010 में भारत विरोधी हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. किन्तु इसी साल जब कश्मीर में नई सरकार बनी तो इसको रिहा कर दिया गया था.

क्या पाकिस्तान में भारत का झड़ा लहरा सकता है कभी

क्या पाकिस्तान का झंडा कोई भी नेता या अलगांववादी नेता अमेरिका, इंग्लैंड, रूस और चीन जैसे देशों में कोई लहरा सकता है क्या? क्या भारत का झंडा कोई व्यक्ति पाकिस्तान में लहरा सकता है?

जवाब आपको भली-भांति पता ही है कि ऐसा हो नहीं सकता है. क्योंकि भारत के कानून का कोई भी डर इन लोगों को नहीं है मात्र इसलिए कश्मीर में ऐसा हो रहा है.

अगर एक बार किसी एक बड़े नेता को ऐसा करने के लिए फांसी लगा दी जाए तो अगले ही दिन से ये घटनायें रूक जायेंगी.

कश्मीर भारत का अंग है यह बाद शायद अब शांति से कुछ लोग समझ नहीं पा रहे हैं, अब राज्य की सरकार को भाई प्रेम को त्याग, देश प्रेम को महत्व देना होगा और केंद्र की सरकार को अब कठोर कदम उठाने ही होंगे.

आये दिन कश्मीर में पाकिस्तान के झंडे लहरा दिए जाते हैं, पाकिस्तान दिवस पर तो कश्मीर में खुलेआम पाकिस्तानी दिवस तक मनाया गया था.

क्या चाहता है कश्मीर का आवाम

कश्मीर के लोग अक्सर बोलते हैं कि हम भारत के अंग नहीं है. कभी यह लोग मांग करते हैं की कश्मीर को अलग राज्य बनाओ, कभी बोला जाता है अलग देश, तो कभी पाकिस्तान का समर्थन होता है.

लेकिन वहां की आवाम को समझना होगा कि आपको कभी क्या पाकिस्तान ने आपकी मदद की है? आज क्या पाकिस्तान खुद के लिए कुछ कर पा रहा है जो आपके लिए कुछ करेगा? ना शिक्षा है, ना स्वास्थ्य, ना रोजगार, तो आपको कल क्या मिलने वाला है?

मसरत आलम जैसे लोग लोगों को मात्र भड़काने का काम कर रहे हैं, इनकी दुकान पाकिस्तान से मिल रहे पैसों से ही चल रही है.

कश्मीर का जो दर्द हमारी आज जान ले रहा है वह कहीं ना कहीं नेहरु जी की एक गलती है जो आज तक कोई सही नहीं कर पाया है. गाँधी परिवार भारत में सबसे ज्यादा राज करने वाला देश है किन्तु इस गलती को कोई नहीं सही कर पाया है.

भारत हमेशा कश्मीर में मदद के लिए अपना दिल खुला रखता है. अपने एक राज्य की तरह केंद्र कश्मीर की मदद करता है. तब कश्मीर के लोगों को पाकिस्तान की याद क्यों नहीं आती है?

लोगों को पाकिस्तान से इतना ही प्रेम है तो क्या देश की सरकार ऐसे देश विरोधी लोगों को पाकिस्तान भिजवाने का कोई इंतजाम नहीं करवा सकती है ?

और अब वक़्त आ गया है कि देश की सरकार को कठोर कदम उठाने होंगे, इस तरह के लोगों को क्या अदालत फांसी की सजा नहीं दे सकती है ?

आपकी राय का इंतज़ार रहेगा.

Chandra Kant S

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Chandra Kant S

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