Categories: विशेष

पांच पतियों के बाद भी द्रौपदी क्यों मानी जाती है पतिव्रता ?

“अहिल्या द्रौपदी कुन्ती तारा मन्दोदरी तथा
पंचकन्या स्वरानित्यम महापातका नाशका”

इस श्लोक में पंचकन्यओं अहिल्या,  द्रौपदी,  तारा, कुन्ती और मंदोदरी का उल्लेख किया गया है.

कहा जाता है कि इनको याद कर लेने से ही सारे पाप खत्म हो जाते हैं.

भारतीय पंरपरा में स्त्री के लिए पतिव्रता शब्द का प्रयोग किया गया है. प्राचीनकाल में स्त्रीयों को एक ही व्यक्ति से विवाह करने की अनुमति थी. समय बदला विधवा विवाह का प्रचलन शुरु हुआ लेकिन एक पति के जीवित रहते हुए दूसरे विवाह की अनुमति नहीं दी गई. वैसे तो द्रौपदी का विवाह स्वयंवर में अर्जुन के साथ हुआ था लेकिन जब वो द्रौपदी को अपनी मां कुंती के पास लेकर गए तब द्रौपदी ध्यानमग्न थी और उन्हें लगा कि पांडव दक्षिणा लेकर आए है. तब उन्होंने अर्जुन के संबोधन के बाद कहा कि पांचो आपस में बांट लो. इस तरह  उन्हें अपनी मां की बात को मानना पड़ा.

तब से द्रौपदी इन पांचो की पत्नी कहलाने लगी.

ऐसे में सवाल ये उठता है कि द्रौपदी पतिवत्रा कैसे कहलाती है?

श्लोक में भी उन्हे सभी पाप नाश करने वाली माना गया है. इस संबंध में हम पेश कर रहे है कुछ पौराणिक तथ्य जिसकी वजह से द्रौपदी मानी जाती है पतिव्रता.

1. 

कहा जाता है  कि द्रौपदी के पिता राजा द्रुपद द्रौण से बदला लेना चाहते थे, इसके लिए उन्होंने पुत्र प्राप्त करने के लिए यज्ञ का आयोजन करवाया लेकिन यज्ञ की अग्नी से द्रौपदी प्रकट हुई.

2.

” सुन्दर व क्षीण कटि और निश्चित रूप से बहुत अभिमानिनी

वह कुमारी हो गई अपने हर नये विवाह के साथ “-महर्षी नारद

यानि पांच पति होने के बाद भी द्रौपदी के कुवांरे होने की बात कही गई है.

3.

महाभारत के दक्षिण भारतीय संस्करण में ये उल्लेख है कि हर विवाह के बाद द्रौपदी अग्नी में स्नान करती थी जिसकी वजह से वो कुंवारी रहती थी.


4.

द्रौपदी के कुंवारेपन के पीछे उनके पिछले जन्म की कहानी भी जुड़ी हुई है.

कहा जाता है कि अपने पिछले जन्म में वो नलायनी के नाम से मशहूर से थी.  इनका विवाह मौदगल्य नाम के ऋषि से हुआ था.  कहा जाता है कि ये ऋषि काफी क्रोधी स्वभाव के थे. अपनी पत्नी के  सेवाभाव को देखकर एक बार मौदगल्य ने जब उनसे एक वरदान मांगने को कहा तो उनकी पत्नी ने कहा कि वो उनसे पांच पुरुषों के रुप में प्यार करें. उन्होंने अपनी पत्नी की इच्छा को पूरा कर भी दिया लेकिन वो बार बार  ऐसी इच्छा जाहिर करने लगी तब वो क्रोधित हो गए और उन्होंने उसे श्राप दिया कि अगले जन्म में उसके पांच पति होंगे लेकिन इसके बाद उन्होंने तपस्या करके भगवान शिव से वरदान मांगा कि वो हर पति से संबंध बनाने के बाद कुवांरी रहेगी.

इसी वरदान का फायदा उन्हें अगले जन्म में द्रौपदी के रुप में मिला.

इन चार तथ्यों पर गौर करे तो पता लगता है कि द्रौपदी के पांच पति होने के बाद भी वो पतिव्रता और कुवांरी कहलाई और कैसे पांच पति होने के बाद भी उन्हें चरित्रवान माना गया.

ये लेख ग्रंथो में दिए गए अनुमान के आधार पर लिखा गया है इस बारे में भी कई विद्वानों के अलग-अलग मत हो सकते है.

Shilpa Rounghe

Share
Published by
Shilpa Rounghe

Recent Posts

दुनियाभर के मुस्लिम लोग अब नरेंद्र मोदी के दुश्मन क्यों होते जा रहे हैं? 

मुस्लिम लोगों में एक पुरुष वर्ग ऐसा है जो कि शुरू से ही नरेंद्र मोदी…

6 years ago

दिल्ली दंगों के समय नरेंद्र मोदी क्या कर रहे थे, मोदी के इस फैसले ने बचाई हजारों बेगुनाह हिन्दुओं की जान 

अजीत डोभाल को यह खबर थी कि मुस्लिम इलाकों में मस्जिदों से इस तरीके का…

6 years ago

दिल्ली में जारी रेड अलर्ट, स्लीपर सेल के आतंकवादी उड़ा देना चाहते हैं पूरी दिल्ली को 

ना सिर्फ पेट्रोल बम लोगों तक पहुंचाएं गए हैं बल्कि लोहे की रॉड और गुलेल,…

6 years ago

दिल्ली हिंसा में दंगाइयों ने हिन्दुओं के इलाकों में सबसे अधिक इस चीज को नुकसान पहुंचाया है

करावल नगर में ही 100 से ज्यादा वाहन जले हुए मिल रहे हैं लेकिन अंदर…

6 years ago

IND vs NZ: पहले ही दिन दूसरा टेस्ट मैच हार गयी इंडियन क्रिकेट टीम, शर्म से हुआ भारत पानी-पानी

IND vs NZ: भारत और न्यूजीलैंड के बीच में शुरू हुआ दूसरा टेस्ट मैच पहले…

6 years ago