धर्म और भाग्य

ये थे वो 5 मुश्किल काम, जिसे हनुमानजी ने बनाया था आसान !

रामायण का जब भी ज़िक्र होता है तो सिया राम के साथ हनुमानजी को याद किया जाता है.

हनुमान ने श्रीराम के कई मुश्किल कामों को आसानी से कर दिया था.

शिवपुराण की एक कथा के मुताबिक त्रेतायुग में श्रीराम की मदद करने के लिए खुद भगवान शिव ने हनुमानजी के रुप में रुद्र अवतार लिया था.

हनुमानजी की बदौलत ही श्रीराम ने रावण पर जीत हांसिल की, क्योंकि हनुमानजी ने श्रीराम की जीत की राह में आनेवाली तमाम मुश्किलों को बड़ी ही आसानी से दूर कर दिया था.

आइए हम आपको बताते हैं उन 5 मुश्किल कामों के बारे में, जिसे हनुमानजी ने बड़ी ही आसानी से पूरा किया था.

1 – विशाल समुद्र को आसानी से किया पार

एक समय हनुमान, अंगद और जामवंत समेत कई वीर वानर माता सीता की खोज करते हुए समुद्र तट पर पहुंचे. लेकिन 100 योजन विशाल समुद्र को देखने ही उनका उत्साह कम हो गया, क्योंकि वहां मौजूद वानरों में से किसी के पास समुद्र को पार करने की क्षमता नहीं थी.

जामवंत ने कहा कि वे 90 योजन तक छलांग लगा सकते हैं, जबकि अंगद का कहना था कि वे 100 योजन तक छलांग लगाकर समुद्र पार तो कर लेंगे लेकिन वापस लौट नहीं पाएंगे.

अंत में सभी के हार मान लेने के बाद अंत में हनुमानजी ने 100 योजन विशाल समुद्र को एक छलांग में ही पार कर दिखाया.

 2 – लंका में माता सीता की तलाश

समुद्र को एक झटके में पार कर लेने के बाद हनुमान जब लंका पहुंचे तो लंका के द्वार पर ही लंकिनी नामक राक्षसी से उन्हें रोक लिया. हनुमान ने उसे परास्त कर लंका में प्रवेश किया.

हनुमान जी ने माता सीता को बहुत खोजा, लेकिन वह कहीं भी दिखाई नहीं दी. हनुमान ने हार न मानते हुए लंका में हर तरफ माता सीता की तलाश की, जब उन्होने माता सीता को अशोक वाटिका में देखा तो बहुत खुश हुए.

पूरे लंका में सीता की ढूंढ पाना एक बहुत ही मुश्किल काम था, लेकिन हनुमानजी ने इसे बड़ी ही आसानी से कर दिखाया.

लंका में आग लगाने का साहस

लंका पति रावण की नगरी में दाखिल होकर पूरी लंका को आग लगाने की हिम्मत सिर्फ हनुमान में ही थी.

माता सीता का पता चलते ही हनुमान ने अशोक वाटिका को तहस-नहस कर दिया. ताकि वे श्रीराम के दुश्मन रावण की ताकत का अंदाज़ा लगा सकें.

जब रावण के सैनिक हनुमान जी को पकडऩे आए तो उन्होंने उनका भी वध कर दिया. हनुमान ने न सिर्फ अनेको राक्षसों का वध किया बल्कि उन्होंने रावण के पराक्रमी पुत्र अक्षयकुमार को भी मार गिराया.

विभीषण को अपने पक्ष में करना

श्रीरामचरित मानस के मुताबिक जब हनुमान जी लंका में माता सीता की खोज कर रहे थे,  तभी उन्होंने किसी के मुंह से भगवान श्रीराम का नाम सुना. तब हनुमानजी ने ब्राह्मण का रूप धारण कर विभीषण से उनका परिचय पूछा. अपना परिचय देने के बाद विभीषण ने हनुमानजी से उनका परिचय पूछा. तब हनुमानजी ने उन्हें सारी बात बता दी.

रामभक्त हनुमान को देखकर विभीषण बहुत प्रसन्न हुए और हनुमान के कहने पर विभीषण रावण को छोड़कर श्रीराम की शरण में आए. विभीषण को अपने पक्ष में करने का काम हनुमान के अलावा शायद ही कोई कर पाता.

5 – संजीवनी बूटी का पहाड़ उठा लाना

वाल्मीकि रामायण के अनुसार युद्ध के दौरान रावण के पराक्रमी पुत्र इंद्रजीत ने ब्रह्मास्त्र चलाकर लक्ष्मण को बेहोश कर दिया था. लक्ष्मण को फिर से ठीक करने के लिए हनुमान जी हिमालय पर्वत पर संजीवनी बूटी लेने के लिए गए.

लेकिन औषधि न पहचान पाने की वजह से वे संजीवनी बूटी का पूरा पर्वत ही उठा लाए. पूरे पर्वत को उठा पाने शक्ति तो सिर्फ हनुमान में ही हो सकती है.

गौरतलब है कि हनुमान ने श्री राम के कई मुश्किल कामों को हल करके उनकी लड़ाई को आसान बना दिया था. लेकिन इन पांच मुश्किल कामों को करना, हनुमान के अलावा किसी और के बस की बात नहीं थी.

Anita Ram

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