शिक्षा और कैरियर

दिल्ली के स्कूल की गुंडागर्दी बच्चियों के साथ की शर्मनाक हरकत

दिल्ली के स्कूल की गुंडागर्दी – स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है जहां बच्चे पढ़ाई के साथ शिष्टाचार भी सीखते हैं और पैरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजकर सोचते हैं कि वहां उनका बच्चे सेफ है, लेकिन अब लगता है कि बच्चे स्कूल में भी सुरक्षित नहीं है.

एक तो आए दिन स्कूल में रेप की खबरे आती ही रहती हैं और अब दिल्ली के एक स्कूल ने जो किया है उसे देखकर तो लगता है कि स्कूल शिक्षा का मंदिर नहीं, बल्कि पैसे उगाही का ज़रिया बन गया है.

दरअसल, दिल्ली के बल्लीमारान स्थित राबिया गर्ल्स पब्लिक स्कूल पर आरोप लगा है कि उसने फीस जमा न करने की वजह से करीब 59 बच्चियों को बेसमेंट में 5 घंटे तक कैद रखा, जहां बच्चियों का गर्मी और भूख से बुरा हाल हो गया. बच्चियों की उम्र महज़ 5 से 8 साल के बीच है.

मामला मंगलवार का है और इसका विडियो और तस्वीरे सामने आने के बाद ही मामले ने तूल पकड़ा.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पैरेंट्स जब बच्चियों को लेने स्कूल पहुंचे तो क्लासटीचर ने उन्हें बताया कि फीस न भरने के कारण स्कूल की हेड मिस्ट्रेस  बच्चियों को बेसमेंट में रखने का आदेश दिया है.

दिल्ली के स्कूल की गुंडागर्दी का नामुमना था. पैरेंट्स जब बेसमेंट में कमरे में गए तो बाहर से कुंडी लगी हुई थी और खोलकर देखा तो बच्चियां फर्श पर बैठी थी, अपने माता-पिता को देखते ही वो तुरंत रोने लग गईं. इस मामले में स्कूल का स्टाफ भी कोई ठीक जवाब नहीं दे पा रहा है. इस वाकये के बाद पैरेंट्स ने स्कूल के बार खूब हंगामा किया और स्कूल के इस आरोप को भी गलत बताया कि फीस नहीं भरी गई है.

पैरेंट्स का कहना है कि उन्होंने सितंबर तक की फीस जमा की हुई है. उधर इस मामल में स्कूल की हेड मिस्ट्रेस का कहना है कि बच्चों की फीस नहीं भरी गई थी और उन्हें जहां रखा गया था वो बेसमेंट नहीं, बल्कि एक्टिविटी रूम था और वहां हवा और लाइट आती है.

पुलिस ने जूवेनाइल जस्टिस ऐक्ट की धारा 75 के तहत केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, ‘मैं भी यह जानकर चौंक गया. मैंने फौरन अधिकारियों को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है.’

ये वाकया वाकई बहुत शर्मनाक है, इतनी छोटी बच्चियां जिन्हें शायद फीस का मतलब भी नहीं समझ आता है, उनके साथ ऐसी अमानवीय हरकत करने वाले स्कूल को शर्म आनी चाहिए. एक बार यदि ये मान भी लिया जाए कि फीस नहीं भरी गई थी तो क्या इसके लिए वो बच्चियों को टॉर्चर करेंगे या पैरेंट्स को इस बारे में वॉर्निंग देंगे.

ये है दिल्ली के स्कूल की गुंडागर्दी – यदि स्कूलों में बच्चों के साथ इस तरह का बर्ताव होने लगे तो शायद भविष्य में लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजना ही बंद कर देंगे.

Kanchan Singh

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