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सैनिक को हुस्न के जाल में फंसाकर इस हसीना ने खेला भारत को बर्बाद करने का खौफनाक खेल!

जब हुस्न बेपर्दा होता है तो पत्थर दिल भी पिघल जाते है.

मदमस्त हुस्न के आगे क्या राजा, क्या फ़कीर और क्या सिपाही बेचारों को पता भी नहीं चलता कि खूबसूरती के मकडजाल में वो कब फँस गए और निकलने से पहले ही फ़ना हो गए.

नारी की ख़ूबसूरती का फायदा हर जगह उठाया जाता है. तो इस मामले में सेना और जासूस कैसे पीछे रहेंगे.

ऐसे बहुत से लोग होते है जिन्हें ना पैसे से खरीदा जा सकता है  और ना ही उन पर किसी प्रकार का दबाव डाल कर काम करवाया जा सकता है. ऐसे लोगों से ख़ुफ़िया राज उगलवाने का एक ही तरीका होता है और वो है हुस्न की गहराइयों में उन्हें डुबो देना और इस काम को अंजाम देती है बहुत ही खूबसूरत और बेहद शातिर महिला जासूस.

पठानकोट एयरबेस पर हुए ताज़ा आतंकी हमले की साज़िश की परतें जैसे जैसे खुल रही है वैसे वैसे नए राज सामने आ रहे है.

एयरमैन रंजीत सिंह की गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद पता चला है कि पठानकोट समेत देश के कई महत्वपूर्ण वायुसैनिक ठिकानों की जानकारी आतंकियों को देने वाला और कोई नहीं रणजीत सिंह था जो दामिनी मक्नोट नामक महिला के हुस्न के जाल में फंसकर देश से गद्दारी करने से भी नहीं चूका.

इस कहानी को जानने के लिए थोड़ा पीछे चलते है……

तीन साल पहले की बात है रंजीत सिंह को फेसबुक पर दामिनी मैक्नोट नामक लड़की की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई.

खूबसूरत लड़की और वो भी इंग्लैंड से अब दिल पर काबू कैसे हो. धीरे धीरे दामिनी ने रंजीत को अपने जाल में फंसाना शुरू किया. रंजीत अब दामिनी के बात करने के मोहक अंदाज़ और उसकी अंग्रेज़ी का कायल हो चूका था.

धीरे धीरे दोनों के बीच अंतरंग बातें और फ़ोटो भी शेयर होने लगी, शायद विडियो चैट भी.  ऐसे ही दोनों एक दुसरे के बहुत करीब आ गए फिर दामिनी ने जब देखा कि शिकार पूरी तरह जाल में फंस चूका है तो उसने अपना असली काम शुरू किया.

दामिनी ने रणजीत से भारतीय वायुसेना के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी मांगनी शुरू की. रंजीत ने जब सवाल पूछे तो दामिनी ने बताया कि उसे ये सब जानकारी एक पत्रिका के लिए चाहिए और इसकी एवज में वो पत्रिका रंजीत को कुछ पैसे भी देगी.

दामिनी ने शुरुआत में जो जानकारी मांगी उसमे कुछ ऐसा नहीं था जिससे कोई खतरा पैदा हो इसलिए रंजीत दामिनी को खुश रखने, उसके और करीब आने और साथ साथ कुछ पैसा भी कमाने के लालच में उसे सब बताता गया.

शिकंजे में रंजीत

अब वक्त आ गया था कि दामिनी अपने शिकंजे को कसना शुरू कर दे. इसी मुहीम के तहत दामिनी ने रंजीत से ग्वालियर एयरबेस के बारे में कुछ अन्दरुनी जानकारी मांगी. अब रंजीत का माथा ठनका उसने दामिनी को इस प्रकार की ख़ुफ़िया जानकारी देने से मना कर दिया.

दामिनी को रंजीत के मुंह से ना सुनने का अंदेशा नहीं था इसलिए जब रंजीत ने जानकारी देने से मना किया तो दामिनी ने रंजीत को अपना वो रंग दिखाया जो रंजीत ने सपने में भी नहीं सोचा था.

दामिनी ने रंजीत को अपनी असलियत बताई कि वो ISI  की एजेंट है और अगर रंजीत ने उसे जानकारी मुहैय्या नहीं करवाई तो वो रंजीत का पर्दाफाश करने के साथ साथ उनकी चैट, तस्वीरें और विडियो भी सार्वजनिक कर देगी.

रंजीत अब जाल में पूरी तरह फंस चुका था.

अब बदनामी के डर से वो ना चाहते हुए भी दामिनी के हाथों की कठपुतली बन चुका था.

दामिनी ने अपने आकाओं के इशारे पर रंजीत को और बुरी तरह फंसाने लगी. अब जो खुफिया सुचना रंजीत भारतीय सेना के बारे में निकालता उस सूचना को पाकिस्तानी हैंडलर तक पहुँचाने की जिम्मेदारी भी अब रंजीत की ही थी.

हुस्न के जाल में फंसकर रंजीत देश की सुरक्षा का सौदा कर बैठा. दामिनी के बारे में जानने के बाद अब गुप्तचर संस्थाएं नए पुराने 2000 से भी ज्यादा सैनिकों के सोशल मीडिया अकाउंट खंगाल रही है. ये देखने के लिए कि क्या रंजीत एकलौता था जिसे इस तरह के जाल में फंसाया गया या फिर रंजीत की तरह ही कई और सेना से जुड़े लोगों को हुस्न और सेक्स के जाल में फांस कर देश के महत्वपूर्ण राज गलत हाथों में पहुंचा दिए गए.

अभी भी रंजीत से पूछताछ जारी है

लेकिन रंजीत की एक गलती ना सिर्फ 7 बहादुर सैनिकों की जान जाने की वजह बनी साथ ही साथ देश की सुरक्षा से जुड़े कितनी ही महत्वपूर्ण राज आतंकियों के हाथों में चले गए. क्या पता कब कौनसी जानकारी का सहारा लेकर आतंकी एक बार फिर खेलने आ जाएँ मौत का नंगा नाच.

ऐसा नहीं है कि रंजीत सिंह का मामला ऐसा पहला मामला है या फिर ये आखिरी मामला होगा.

इस तरह के ना जाने कितने ही मामले ना जाने कब से चल रहे है. पुराने ज़माने से लेकर विश्वयुद्ध और शीतयुद्ध तक इस तरह के हथकंडे अपनाए जाते रहे है. ये एक ऐसा हथियार है जिसकी चोट तब तक पता नहीं चलती जब तक कि शिकार पूरी तरह बेबस ना हो जाए.

दुनियाभर की गुप्तचर संस्थाएं बड़े बड़े सैन्य अधिकारीयों से लेकर राजनेताओं तक से सुरक्षा सम्बन्धी राज़ पता करने के लिए खुबसुरत हसीनाओं और उनकी मोहक अदा और उनके जिस्म का सहारा लेते है.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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Yogesh Pareek

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