राजनीति

आंखे दिखा रहा था चीन भारत ने उतार दिया सीमा पर सी-17 ग्लोबमास्टर !

अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा और तिब्बत के निवार्सित धर्म गुरू दलाई लामा के अरूणाचल प्रदेश के दौरे को लेकर परेशान चीन अब भारत को आंख दिखा रहा है।

उसकी पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवान लेह जिले के डेमचोक इलाके में ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल यानी एलओसी पर आकर वहां चल रही सिंचाई परियोजना का काम रोकने के लिए दवाब बनाने जैसे हथकंडे अपना रहे हैं। लेकिन सीमा पर तैनात आईटीबीपी के जवान चीन के सैनिकों के सामने तन कर खड़े हो गए। उन्होंने वहा काम रोकने से साफ मना करते हुए उन्हें वहां से चले जाने की चेतावनी दी। चीनी सैनिकों के मना करने पर दोनों देशों के जवानों के बीच लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल पर तनातनी हो गई।

जैसे ही खबर मिली कि चीन के जवान भारतीय सीमा के करीब पहुंच गए और वापस जाने से इनकार कर रहे हैं तो भारतीय वायुसेना सेना ने अपना विमान सी-17 ग्लोबमास्टर को अरुणाचल प्रदेश के मेचुका में उतारा है जो चीन सीमा से मात्र 27 किलोमीटर दूर है।

भारतीय सैनिकों ने एलएसी पर लेह के स्थान अरूणाचल में फ्रंट खोल कर बता दिया कि वह अब 62 समझने की भूल न करे।

दरअसल, भारत इस इस क्षेत्र में कुछ असैनिक परियोजना चला रहा है और चीन को इसपर आपत्ति है। लेकिन उसकी आपत्ति की असली वजह अमेरिका के राजदूत और तिब्बत के निवार्सित धर्म गुरू दलाई लामा के अरूणाचल प्रदेश के दौरे को लेकर है।

कुछ दिन पहले ही चीन सीमा से लगते उत्तराखंड के माना में जवानों के साथ दिवाली मनाने की खबर के बाद से तो चीन को ब्ल्डप्रेशर और बढ़ गया। उसके बाद चीन ने अपनी फिर वही पुरानी हरकतों को दोहराना शुरू कर दिया, जो उसने 2014 में की थी जब चीनी सेना भारतीय सीमा के डेमचैक में अंदर तक घुस आई थी और इस इलाके में चल रहे सिंचाई परियोजना का विरोध करना प्रारम्भ कर दिया था।
लेकिन इस बार हालात बदले हुए है। जैसे भारत को ये खबर मिली कि चीन लेह में सिंचाई परियोजना को लेकर आंखे तरेर रहा है तो उसने भी पलटवार किया। जिसके बाद चीन की आंखे फटी की फटी रह गई।

भारतीय वायुसेना सेना ने अपना विमान सी-17 ग्लोबमास्टर को अरुणाचल प्रदेश के मेचुका में उतारा दिया है जो चीन सीमा से मात्र 27 किलोमीटर दूर है।

जैसे ही भारतीय वायु सेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान मेचुका में 6200 फीट की ऊंचाई पर उतरा है।

इतनी ऊंचाई पर पर सी-17 ग्लोबमास्टर को उतारे जाने की खबर से चीन सकते में आ गया। इससे पहले भारतीय वायु सेना ने अरूणाचल में सुखोई लड़ाकू विमान को उतारा था। जिससे चीन के माथे पर चिंता की लकीरे बढ़ गई थी।

बता दे कि यह विमान दुनिया का सबसे बड़ा मालवाहक सैन्य विमान है जो भारत ने अमेरिका से खरीदा है। युद्ध के समय यह विमान सेना के दो ट्रको को एक साथ वायु सेना की अग्रिम पोस्ट पर उतार सकता है। भारत जिस प्रकार एक के बाद एक चीन से लगी अरूणाचल सीमा पर सैनिक मोर्चेबंदी कर रहा है उसको लेकर भी चीन खबराया हुआ है।

वहीं भारतीय सेना जैसे जैसे अपने बेड़े मेें ग्लोबमास्टर की संख्या बढ़ा रही हैं उससे भी चीन की बेचैनी बढ़ रही है। क्योंकि युद्ध के दौरान ये सी-17 ग्लोबमास्टर सेना को रसद पहुंचाने में खासकर पहाड़ी या उन इलाकों में जहां सड़क नहीं है महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका निभाते हैं। गौरतलब है कि भारत की चीन के साथ जम्मू-कश्मीर से अरुणाचल प्रदेश के बीच 4000 किलोमीटर की सीमा लगती है।

दोनों देशों के बीच सीमा मुद्दे पर काफी लंबे समय से विवाद चला आ रहा है।

Vivek Tyagi

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