भारत

मायावती को पीएम बनाना चाहते हैं अखिलेश यादव!

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव – 2019 के चुनावी महासंग्राम की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और सभी पार्टियां अपने जोड़-तोड़ के गणित में उलझी हुई है.

अगले बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी अपनी जीत दोहरा न सके इसके लिए कुछ पुराने दुश्मन भी साथ आ चुके हैं. ऐसी ही दो पार्टियां है मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा). हालात तो यहां तक दिख रहे है कि कभी बुआ मायावती को नापसंद करने वाले अखिलेश उन्हें प्रधानंत्री बनाने तक को तैयार हैं!

किसी ने सच ही कहा है राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता, कुर्सी के मोह में लोग अपने रिश्ते-नाते सब भूल जाते हैं, लगता है यूपी में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का भी कुछ ऐसा ही हाल है. वरना मायावती के पीएम पद का उम्मीदावर बनाए जाने की बात को वो इतनी आसानी से हज़म नहीं कर पातें. एक ज़माना था जब बसपा और सपा में ज़रा भी नहीं पटती थी, मगर मोदी जी की जीत की चमक ने इन दुश्मनों को दोस्त बना दिया, क्योंकि इन्हें पता है कि अगले लोकसभा चुनाव में अकेले के दम पर इनका पार्टियां कुछ नहीं कर पाएंगी, इसलिए इन्होंने महागठबंधन का हिस्सा बनना ही बेहतर समझा.

हाल ही में बीएसपी ने लखनऊ और कानपुर मंडल के पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में पार्टी नेताओं ने कार्यकर्ताओं कहा कि वह मायावती को देश का अगला प्रधानमंत्री बनाने के लिये जुट जाएं, क्योंकि देश में दलितों का सबसे सशक्त प्रतिनिधित्व वह ही कर सकती हैं. पार्टी नेताओं ने दावा किया कि इस समय देश में मायावती ही एक मात्र ऐसी नेता है जो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को दोबारा सत्ता में आने से रोक सकती है और उन्हें क्षेत्रीय पार्टियों का भी समर्थन हासिल है.

बीएसपी नेताओं की इस बात से अखिलेश यादव बुरे फंस सकते हैं, क्योंकि  अखिलेश यादव ने पिछले दिनों सपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में कहा था कि वह मुलायम सिंह यादव को 2019 में प्रधानमंत्री के पद पर देखना चाहते हैं. बीएसपी की ओर से मायावती को पीएम पद का उम्मीदवार बनाए जाने के घोषणा के समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने सवाल है कि क्या वह पिता मुलायम सिंह यादव को नजरअंदाज करेंगे?

2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बसपा और सपा गठबंधन करके चुनाव लड़ने की तैयारी में है. ऐसे में दोनों पार्टियों को किसी एक चेहरे को ही आगे करना होगा, लेकिन फिलहाल तो दोनों ही दल अपना-अपना पीएम उम्मीदवार तय कर चुके है. वैसे हैरत की बात ये है कि अखिलेश यादव ने मायावती को पीएम प्रत्याशी बनाए जाने पर किसी तरह का विरोध नहीं किया है. कुछ समय पहले एक इंटरव्यू में जब अखिलेश से मायावती को पीएम बनाए जाने से जुड़ा सवाल किया तो इस मुद्दे पर वो खुलकर तो कुछ नहीं बोलें, लेकिन ये जरूर कहा था कि वह बड़ी हैं और चुनाव बाद देखा जाएगा कि वह कौन सी जिम्मेदारी संभालेंगी.

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस बयान के बाद से ऐसे कयास लगाए जाने लगे हैं कि शायद गठबंधन बचाने के लिए वो पिता को साइडलाइन करके बुआ का साथ देंगे.

Kanchan Singh

Share
Published by
Kanchan Singh

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago