आम आदमी पार्टी का सेक्सिस्ट विज्ञापन

“हम भीड़ का हिस्सा नहीं हैं”

जनता ने भी यही सोचा था की आम आदमी पार्टी बाकियों से अलग होगी.

क्योंकि उनके दावे तो कुछ ऐसे ही थे. नई  और अलग सोच, परम्परावादी सोच से अलग ऐसी कई चीजें थी जो आम आदमी पार्टी के बारे में कही जा सकती थी. क्योंकि “आप” की तरफ लोग एक नयी उम्मीद से देख रहे थे.

पर सत्ता में आते ही “आम आदमी पार्टी” ने जता दिया कि उसमे और बाकी पार्टियों में कोई अंतर नही है.

वहां भी व्यक्ति पूजा ही होती है. अरविन्द केजरीवाल की पूजा. अब जब आम आदमी पार्टी विवादों से घिरी हुई थी, सारी  खबरे उनके खिलाफ थी, तो उसी बीच अपनी छवि बचाने के लिए “आप” एक सेक्सिस्ट विज्ञापन के साथ आई.

विज्ञापन पुरुषसत्तात्मक समाज की सोच का प्रतिनिधित्व करती है, जहाँ पुरुष घर के कामों में हाथ नहीं बंटाते.

सिर्फ टीवी ही देखते रहते हैं. इस विज्ञापन में एक मध्यमवर्गीय परिवार का चित्रण किया गया है. जिसमे घर के सारे काम महिला कर रही है, और पुरुष टीवी देख रहे हैं. लगभग 30 वर्ष की महिला जो साड़ी पहनती है, बड़ी बिंदी लगाती है और घर के सारे काम करती है. महिला ही बाज़ार जाती है, बिजली का बिल अपने पति को थमा कर खुश होती है, अपने बेटे को ऑटो से स्कूल छोड़ने जाती है, न्यूज़चैनल्स पर गुस्सा उतारते हुए खाना बनाती है और पति को खाना खिलाती है.

और इतनी देर पति पहले अखबार पढता रहता  है और बाद में टीवी देखता रहता है.

इसमें कुछ भी गलत नहीं की किसी महिला को “हाउस वाइफ” के तौर पर पेश किया जाए और ये भी कहा जा सकता है कि ये महिला की चॉइस है की वो क्या काम करे? उसे स्वतंत्र भी दिखाया गया है की वो घर और बाहर के सारे काम खुद कर सकती है.

बिलकुल सही, पर फिर इस विज्ञापन में पति की जरूरत ही क्या थी. बात जो खटकने वाली है कि महिला की इस दिनचर्या में पति की कोई भागीदारी ही नहीं है, जबकि वो घर पर ही है और  टीवी देख रहा है. पति अपनी पत्नी के किसी भी काम में मदद नहीं कर रहा. और ये बात बहुत ज्यादा खटकती है.

हो सकता है की कई घरों का माहौल ऐसा हो.

पर क्या इस मानसिकता को हमें बढ़ावा देना चाहिए? क्योंकि ये विज्ञापन किसी प्रोडक्ट को नहीं बेच रही, बल्कि दिल्ली सरकार का प्रमोशन कर रही है.

तो बस अरविन्द केजरीवाल से इतना ही कहना है की लोगो ने समाज का चेहरा बदलने के तौर पर आपको देखा था. पर आप भी वही सब कर रहे हैं जो बाकी की पार्टियाँ करती आई हैं.

“हमारा बजाज” के तर्ज पर “हमारा अरविन्द” प्रचार जरूर करें. पर पुरुषवादी मानसिकता को बढ़ावा ना दें.

क्यूंकि “आप” से तो हमें ये उम्मीद नहीं थी…

Neha Gupta

Share
Published by
Neha Gupta

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago