जीवन शैली

ग्लोबल वार्मिंग के असर से बढ़े बियर के दाम !

बियर के दाम – दुनिया भर में ग्लोबल वॉर्मिंग को लेकर आई एक पर्यावरण की रिपोर्ट में यह दावां किया गया है कि देश भर में फैली 95 फीसदी ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए सिर्फ और सिर्फ मनुष्य ही जिम्मेदार है।

मनुष्य शुरुआत से ही अपनी सहुलियत के अनुसार पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ करता रहा है। मानव जाति ने अपने रहन-सहन, कारोबार, के साथ-साथ खुद को आर्थिक, समाजिक और मांसिक तौर पर सहुलियत देने के नाम पर प्राकृति में लगातार कई बदलाव किये, जिसके चलते लगातार फैल रही ग्लौबल वॉर्मिंग ने अब मानव को उसकी करनी का फल देना शुरू कर दिया है, लेकिन इस बार आये ग्लोबल वॉर्मिंग के बदलाव से कहीं ना कही देशभर के एक बियर चस्का तबके के लोगों पर इसका प्रभाव जरूर पड़ेगा।

इस बार ग्लोबल वार्मिंग के असर से बढ़े बियर के दाम का दुनियाभर पर भी खासा असर होगा।

ग्लोबल वार्मिंग से बढ़े बियर के दाम

ग्लोबल वॉर्मिंग जो अब तक देश-दुनिया में बढ़ रहे तापमान के तौर पर आकी जाती थी, अब उसके इसी बढ़ते स्तर का असर आने वाले दिनों में आपके खाने-पीने और खास तौर पर बियर पर देखने को मिलेगा। दरअसल इस बात का दावा सयुक्त राष्ट्र के कुछ बड़े वैज्ञानिकों ने करते हुए कहा है कि ग्लोबल वॉर्मिंग में आ रहे इस लगातार बदलाव का असर पर्यावरण के साथ-साथ अब लोगों के खान-पान पर होगा। अब ऐसा वक्त भी आ सकता है, जिससे देश भर में खाने पीने की सामग्री की भी भयंकर कमी आ सकती है। इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में स्वास्थय से जुड़े मुद्दे को लेकर यह दावा भी किया गया है कि इस जलवायु परिवर्तन के साथ दुनिया भर में हीट वेव, समुद्र जल स्तर और बीमारियां भी बढ़ जायेंगी।

वैज्ञानिकों द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक यह दावा किया गया है कि ग्लोबल वॉर्मिंग में आ रहे इस बदलाव की वजह से बियर के दामों में करीबन दो गुना अंतर के साथ बढ़ोत्तरी हो सकती है। इतना ही नहीं आयरलैंड जैसे बड़े देश जहां शराब बनाने की लागत पहले से ही बहुत ज्यादा थी, वहां अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अब यह लागत तीन गुना बढ़ोत्तरी के साथ और ज्यादा हो सकती हैं।

गौरतलब है कि बियर बनाने के लिए मुख्य तौर ‘जौ’ का इस्तेमाल किया जाता है और लगातार आ रहे ग्लोबल वार्मिंग परिवर्तन से जौ की खेती में काफी बड़े स्तर पर गिरावट आ रही है। बता दे की जौ का इस्तेमाल सिर्फ शराब बनाने में ही नहीं बल्कि इसे मवेशियों को भी खिलाया जाता है। इसका अर्थ यह हुआ कि जौ के उत्पादन में होने वाली गिरावट का  असर मनुष्यों के साथ-साथ अन्य कई प्रजातियों के खानपान पर भी असर डाल सकता है।  इतना ही नहीं पर्यावरण में हो रहे इस जलवायु परिवर्तन का असर मनुष्य के खान पान के अन्य समानों पर भी पड़ रहा हैं।

बियर के दाम – इस रिपोर्ट में किए गए जलवायु परिवर्तन के सभी खुलासों में एक खुलासा यह भी है कि यह बदलाव मनुष्य जाति के लिए बेहद खतरनाक है।

Kavita Tiwari

Share
Published by
Kavita Tiwari

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago