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एक बार फि़र विवादों के घेरे में बाबा रामदेव

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बाबा रामदेव एक ऐसा नाम बन चुके है जिन्होंने सदियों पुरानी योग परंपरा को ना सिर्फ भारत बल्कि विश्वस्तर पर एक नई पहचान दिलाई है.

रामदेव बाबा के पंतजलि आश्रम में बनीं दवाओं को कुछ लोग संजीवनी बूटी से कम नहीं मानते हैं.

योग और आयुर्वेदिक दवाओं के जरिए कई आसाध्य और जटिल रोगियों को पुनर्जीवन देने का श्रेय बाबा रामदेव को दिया जाता है. आज उनके उनके समर्थकों की तादाद देश के साथ विदेश में भी बढ़ती जा रही हैं. लेकिन आए दिन वो विवादों में भी फंसते रहते है. ताजा मामला पंतजलि योगपीठ में हुए एक व्यक्ति की मौत का है.

क्या है मामला:

पतंजलि फूड पार्क के उत्पादों की ढुलाई को लेकर स्थानीय ट्रक यूनियन और फूडपार्क के सुरक्षाकर्मियों के बीच  हुई गोलीबारी में  एक ड्राइवर की मृत्यु हो गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार दलजीत नाम के इस ड्रायवर की मृत्यु गर्दन और सिर पर धारदार हथियार से हुए गहरे घावों के कारण हुई है. इस मामले में योगगुरु के भाई रामभरत सहित तीन को आज चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया जबकि इस मामले में पुलिस ने आज सात और लोगों को गिरफ्तार किया है. कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब ये वाकया हुआ तब रामदेव भी वहां मौजूद थे.

पुत्रजीवक औषधी विवाद:

रामदेव बाबा की औषधी पुत्रजीवक के नाम पर काफी बवाल हुआ था. रामदेव ने इस मामले में सफाई दी थी कि इस दवा का पुत्र या पुत्री पैदा होने से संबंध नहीं है. बाबा रामदेव ने साफ कहा कि दवा के नाम को लेकर भ्रम फैलाना ठीक नहीं है. जनता दल (यू) राज्यसभा सांसद केसी त्यागी ने संसद में दवा को पुत्र पैदा करने  इलाज बताकर बेचे जाने का आरोप दिव्य फार्मेसी पर लगाया था. दवा पर संसद में हंगामे के बाद केंद्र ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की शिकायत पर उत्तराखंड सरकार को जांच के लिए निर्देश दिया था. शासन ने 16 मई को तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है.

दवा में हड्डी मिलाने का विवाद:-

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की वरिष्ठ नेता वृंदा कारत ने बाबा रामदेव पर आरोप लगाए थे कि उनके आश्रम में बन रही दवाओं में हड्डियों का चूरा मिलाया जा रहा है. हालांकी उत्तरांचल राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने इस मामलें में सफाई दी थी कि आश्रम में बनी दवाओं की जाँच से पता चला है कि इसमें किसी भी तरह का हड्डियों का चुरा नहीं मिलाया गया है.

होमोसेक्शुएलिटी पर विवादित बयान:

रामदेव बाबा ने होमोसक्शुएलिटी के बारे कहा था कि ये भारतीय पंरपरा के खिलाफ़ है. यहां तक की उन्होंने इसे अप्राकृतिक और मानसिक विकार तक करार दिया था. रामदेव बाबा ने दावा किया था कि ६ महीने के योग और मेडिटेशन से इस ठीक किया जा सकता है.

लगता है कि एक समाजसेवक के तौर पर अपनी पहचान बन चुके बाबा रामदेव और विवाद का चोली दामन का साथ हो गया है.

अब ये देखना दिलचस्प होगा कि वो इस विवाद से कैसे निपटते हैं.