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शिव को शमशान में रहना क्यों पसंद है?

शिव श्मशान में रहते हैं

शिव श्मशान में रहते हैं  – शिव की महिमा अपरंपार है.

शिव श्मशान में रहते हैं क्योंकि वो ये बताते हैं कि इस जीवन में कुछ भी स्थाई नहीं है. शिव हमें अपनी जिंदगी को संतुलन में बनाए रखना सिखाते हैं.

हम ईश्वर की पूजा अर्चना करते हैं. लेकिन हमारी आस्था के पीछे ईश्वर से प्यार कम और हमारा स्वार्थ ज्यादा नीहित होता है. आप ध्यान देंगे तो अक्सर पूजा करने वाले लोग भगवान से अपने स्वार्थ की प्रार्थना करते आपको नजर आएंगे.

संपूर्ण मनुष्य जीवन लगभग भौतिक सुख में डूबा हुआ है.

इसी कारण वो सच को देख नहीं पाता कि यह दुनियां एक मिथ्या मात्र है. जिस कारण वो परम वास्तविकता को देख पाने में असमर्थ होता है. जिसका सिर्फ उदेश्य है मृत्यु और पुनर्जन्म के इस चक्र से खुद को बाहर निकालना.

शिव श्मशान में रहते हैं – शिव ने क्यों चुना श्मशान घाट

शिव ने मनुष्य की इस सामान्य मोह माया की दुनिया से दूर रहने के लिए श्मशान घाट को चुना. जिससे भगवान शिव वहां पर ध्यान कर सकें. श्मशान घाट एकमात्र ऐसी जगह है जहां सही मायने में शरीर से आत्मा मुक्त हो जाती है.

शिव श्मशान में रहते हैं और पहनते हैं राख और खोपड़ी की माला

ये बताने की खातिर कि इस जगत में कुछ भी स्थाई नहीं है, इसी कारण भगवान शिव श्मशान घाट में रहते हैं. खोपड़ी और राख की माला पहनते हैं. भगवान शिव हमें जीवन को संतुलित बनाए रखना सिखाते हैं. जिस तरह से शिव ने अपने गले में जहरीले सांप की माला को धारण किया है, ठीक उसी तरह अमृत और विष को एक साथ पी कर उन्होंने समानता के बारे में सीख दी है.

शिव श्मशान में रहते हैं – शिव के साथ कौन रहता है

शिव के सेवकों को गना कहा जाता है. ये विकसित और विकृत प्रकृति के होते हैं. इनके शरीर से अंग बाहर निकले हुए दिखाई देते हैं. शिव के सच्चे भक्तों को उनसे मिलाने में डरने की आवश्यकता नहीं होती. क्योंकि शिव के साथ गना का होना इस बात को दिखाता है कि जो मनुष्य शिव की भक्ति करना चाहता है, उसे सबसे पहले अपने डर पर काबू पाना सीखना चाहिए.

इन्ही वजहों से शिव श्मशान में रहते हैं – भगवान शिव, भोलेनाथ भी हैं, ओढरदानी भी हैं. भगवान शिव की आराधना संपूर्ण जीवन को तार देने वाला है. इसलिए सच्चे दिल से भगवान शिव की अर्चना करें, जिससे जीवन की नैया पार हो जाएगी.