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विधानसभा और लोकसभा का चुनाव साथ – साथ क्या संभव है

विधानसभा और लोकसभा का चुनाव

विधानसभा और लोकसभा का चुनाव – भारत जनसंख्या और क्षेत्रफल की दृष्टि से दुनिया के सबसे बड़े देशों में से एक हैं ।

जहां विभिन्न धर्म, जाति के लोग रहते हैं । भारत आज आर्थिक विकास के उस दौर से गुजर रहा है।

जहां विकास में थोड़ी सी देरी भारत को दूसरे देशों से 10 साल पीछे हो सकती हैं । भारत की आम जनता और विकास को सबसे ज्यादा प्रभावित भारत की राजनीति करती हैं । वक्त वक्त पर होने वाले चुनाव , उपचुनाव , नगर निगम के चुनाव देश का बहुत सा वक्त और पैसों खर्च करते हैं । भारत में हर चार साल में लोकसभा होते हैं । जिसमें जीतने वाली पार्टी केंद्र में सत्ता आती हैं । इसके आलावा वक्त वक्त पर राज्यों के विधानसभा चुनाव होते हैं । जिसमें राज्य की सरकार चुनी जाती हैं । लेकिन आजकल लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने के सुझाव मीडिया की सुर्खियां बने हुए । और ये सुझाव किसी ओर का नहीं बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी का है ।

विधानसभा और लोकसभा का चुनाव

दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी का सुझाव है कि एक भारत एक चुनाव होना चाहिए – विधानसभा और लोकसभा का चुनाव साथ होना चाहिए । इसी आइडिया को हाल ही में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी संसद के दोनों संदनो को संबोधित करते हुए रखा था ।

उन्होने इस विषय पर तर्क रखा था कि देश के किसी न किसी हिस्से में लगातार हो रहे चुनाव अर्थव्यवस्था और विकास पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव को लेकर वो चिंतित हैं इसलिए एक साथ एक चुना कराने के विषय पर चर्चा और संवाद बढना चाहिए । और सभी राजनैतिक दलों के बीच सहमति बनानी चाहिए .

विधानसभा और लोकसभा का चुनाव

लेकिन अब सवाल ये उठता है कि क्या एक देश एक चुनाव संभव है खबरों के अनुसार कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि ये सुझाव अम्ल में लाया जा सकता है ।

लेकिन इसके लिए संविधान में संशोधन की अवश्यकता पड़ेगी । क्योंकि सविंधान में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ होने के विषय में कोई संशोधन नहीं है। हालाकिं अगर लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते हैं । तो इस राजनैतिक पार्टियों के खर्च में कटौती होगी । आम जनता और राजनैतिक पार्टी दोनों का वक्त बचेगा । साथ ही सरकार देश के विकास में ज्यादा वक्त दे पाएगी । यूं कहें तो इसे राजनीति पर सकारात्मक प्रभाव पडे़गा । लेकिन इसके लिए सभी राजनैतिक पार्टियों की सहमति होना बहुत जरुरी हैं । भारतीय जनता  पार्टी जहां इस सुझाव के समर्थन में है वहीं इस मुद्दे पर विपक्ष की सहमति बनती नजर नहीं आ रही ।

विधानसभा और लोकसभा का चुनाव

वित्त मंत्री अरुण जेटली से जब मीडिया में इस संदर्भ मे सवाल किया तो उनका कहना था कि अभी ये होना काफी मुश्किल है क्योंकि इस वक्त इस पर सबकी सहमति नहीं बन पा रही हैं । वहीं बिहार के सीएम नीतिश कुमार ने इस मुद्दे पर अपनी सहमति जातते हुए कहा कि मैं शुरु से इस बात का समर्थन कर रहा हैं । लेकिन अब देखना ये है कि क्या चुनाव आयोग आने वाले वक्त में लोकसभा और विधानसभा चुनवों को साथ करा पाएगा ।

विधानसभा और लोकसभा का चुनाव – कुछ लोगों की इस बात राय है कि जब 1967 से पहले दोनों चुनाव साथ में होते थे तो अब क्यों नहीं । हालांकि कई राजनैतिक पार्टियां इस बात के समर्थन में शायद इसलिए भी नहीं है क्योंकि वो एक बारी में अपने सभी वोटर नहीं खोना चाहती ।