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इंग्लिश न आने की वजह से इस कंपनी के सीईओ को सहना पड़ा था अपमान !

पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा

नोटबंदी के दौरान पेटीएम ने लोगों का खूब साथ दिया।

साथ ही नोटबंदी से पेटीएम कंपनी को भी करोड़ों का फायदा हुआ और ये कंपनी रातोंरात स्‍टार बन गई।

हाल ही में एक इंटरव्‍यू के दौरान पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने इस बात का खुलासा किया कि उन्‍हें भी इंग्लिश न आने की वजह से बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। शेखर बताते हैं कि अलीगढ़ जैसे छोटे शहर से होने के कारण उन्‍हें इंग्लिश समझने और बोलने में काफी दिक्‍कत होती थी।

शेखर ने आगे बताया कि वो एक हिंदी मीडियम स्‍कूल से पढ़े थे और इसलिए वे इंग्‍लिश में कमज़ोर थे।

जब उन्‍होंनें ‘दिल्‍ली स्‍कूल ऑफ इंजीनियरिंग’ ज्‍वाइन किया तो उन्‍हें पता चला कि इंग्‍लिश आना कितना जरूरी है। शेखर ने अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए कहा कि ‘शुरुआत में मैं फर्स्‍ट बैंच पर बैठा करता था लेकिन इंग्लिश समझ न आने की वजह से मैं फर्स्‍ट से सीधा लास्‍ट बैंच पर बैठने लगा। क्‍योंकि शुरुआती दिनों में मैं टीचर को इंग्‍लिश में जवाब नहीं दे पाता था।‘

शेखर कहते हैं कि इंग्‍लिश न आने की वजह से उनके क्‍लासमेट्स भी उनका मज़ाक उड़ाते और उनको परेशान किया करते थे।

इंग्‍लिश न आने की वजह से भले ही पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा को काफी दिक्‍कतों और अपमान का सामना करना पड़ा हो लेकिन आज उन्‍होंनें साबित कर दिया कि टैलेंट किसी भी चीज़ का मोहताज नहीं होता।

विजय भी कहते हैं कि अगर मैं उस समय हिम्‍मत हार जाता तो आज यहां इस मुकाम पर नहीं पहुंच पाता। मैंने अपनी मेहनत से अपनी इस कमी को पूरा किया और आज इस मुकाम तक पहुंच पाया हूं।

पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा के इस एक्‍सपीरियंस से उन लोगों को भी प्रेरणा मिलती है जो इंग्लिश न आने की वजह से परेशान रहते हैं।