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100 साल पुराने इस अखाड़े के सामने मॉडर्न जिम भी हैं बेकार

अखाड़ा

अखाड़ा – आज के हीरो हो या आम लड़के सभी को जिम में जाकर पसीना बहाना अच्छा लगता है.

अब तो जिम का मतलब फैशन भी हो गया है. ऐसे बहुत से लोग हैं जो एसी में कुछ लोगों से दोस्ती करने के बहाने जिम ज्वाइन करते हैं.

आजकल के जिम में हर सुविधा होती है फिर भी कभी ये सुनने में नहीं आता कि वहां के किसी लड़के या लड़की ने कोई कमाल दिखाया हो. लेकिन एक ऐसा भी अखाड़ा है जो आज कल के जिम को पीछे छोड़ता है.

इस अखाड़े के साथ कई रिकॉर्ड बने हुए हैं. आज से नहीं बल्कि 100 साल से ये अखाड़ा ऐसे ही चल रहा है.

दुर्ग बैगापारा में स्थित जय हनुमान व्यायाम शाला, जिसका 1940 तक का रिकॉर्ड मौजूद है. तब इसकी देख-रेख दुर्ग नगर पालिका परिषद द्वारा किया जाता था. यहां आजादी के दौर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कुश्ती के गुर सीखने के साथ ही तलवार भांजने की बारीकियों से भी सीखा करते थे. तब से लेकर आज तक ये अखाड़ा लोगों में दिन बा दिन फेमस होता जा रहा है.

आज भी इस अखाड़े के सामने मॉडर्न जिम बेकार हैं. यहाँ की मिटटी में जो सीखने को मिल जाएगा वो एसी जिम में नहीं मिल सकता. इस जिम में कुश्ती, पहलवानी, पावर लिफ्टिंग, वेट लिफ्टिंग, बॉडी बिल्डिंग, स्टैंथ लिफ्टिंग जैसे खेलों के गुर सिखाए जाते हैं. यहाँ से अब तक तीन सौ से अधिक नेशनल प्लेयर्स निकल चुके हैं. अब आप सोच सकते हैं कि कितना पॉवर फुल है ये अखाड़ा.

इतना ही नहीं अब तक यहाँ से बहुत से राष्ट्रिय स्तर के खिलाड़ी प्रशिक्षण भी ले चुके हैं.

छत्तीसगढ़ सरकार,  मध्यप्रदेश सरकार और केंद्रीय खेल रत्न पाने वाले खिलाड़ियों में अब तक 20 से अधिक ऐसे होंगे जो यहां अभ्यास करते रहे हैं. इसका मतलब ये हुआ कि ये अखाड़ा अब तक सैकड़ों होनहारों को पैदा कर चुका है. देश की शान बढाने वाले कई खिलाड़ी यहाँ से निकल चुके हैं.

ऐसे ऐसे खिलाड़ी यहाँ से निकले हैं जो देश को मेडल दिला चुके हैं. एक खबर के मुताबिक़ पावर लिफ्टिंग में मध्यप्रदेश के दौर पर विरेन्द्र कुमार साहू ने इंडिया को प्रेजेंट किया था. इनको मध्यप्रदेश सरकार से विक्रम अवॉर्ड से नवाजा गया था। दिनेश शर्मा, अर्जुन सिंह सागरवंशी, नश्कर टंडन, युवराज राउत, संदीप कैशिक आदि यहां से ही प्रैक्टिस करते इंडिया को प्रेजेंट कर चुके हैं. वहीं वेट लिफ्टिंग में ललित साहू, बॉडी बिल्डिंग में रंजीत रावत, स्टैंथ लिफ्टिंग में उदल कुमार वाल्मिकी प्रशिक्षण देते है.

अब तो आपको समझ में आ ही गया होगा कि ये अखाड़ा कितना कमाल का है.

एसी जिम में जाकर आप सिर्फ कुछ लोगों से पहचान बना सकते हैं और एक्टर्स की तर्ज़ पर बॉडी बना सकते हैं, लेकिन देश के लिए कुछ करना है तो आपको इसी तरह के अखाड़े में ही जाना होगा.

तो अब आप ही निश्चित कीजिए की आपको कहाँ जाना है और क्या बनना है. पैसे खर्च करके जिम जाना है या फिर कुछ बनने के लिए ऐसे अखाड़ा जाना है.