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मुस्लिम लोग बनवा रहे हैं यहाँ हनुमान मंदिर – मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना !

हिंदू-मुस्लिम एकता

इन दिनों भले ही हमारे देश की संप्रदायिकता पर खतरा मंडरा रहा हो।

लेकिन कहीं न कहीं से ऐसी कोई खबर आ ही जाती है जो सांप्रदायिक सौहार्द की मिशाल पेश कर लोगों की आँखों पर बंधी धर्म की काली पट्टी को खोल देती है।

इन दिनों ऐसी ही एक खबर बिहार के बेगुसराय जिले के बखरी क्षेत्र से आ रही है, जहाँ पर मुस्लिम परिवारों ने एक हनुमान मंदिर के पुनर्निर्माण में सहयोग करके हिंदू-मुस्लिम एकता की एक मिशाल पेश की है।

जी हाँ ऐसे वक्त पर इस तरह की खबर का आना वाकई में हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए एक बेहतरीन उदहारण है।

हिंदू-मुस्लिम एकता

आपको बता दें कि बखरी क्षेत्र के शहीद चौक पर स्थापित प्राचीन हनुमान मंदिर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। जगह की खासी कमी के कारण यहाँ पर श्रद्धालुओं को पूजा-पाठ करने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। ऐसे मुश्किल समय में अपने हिंदू भाइयों की परेशानी को समझते हुए कुछ मुस्लिम परिवार के लोगों ने अपनी ओर से पहल कर अपनी जमीन का एक हिस्सा मंदिर को दान के रूप में देकर हिंदू-मुस्लिम एकता की एक मिशाल कायम की है।

इतना ही नहीं इस मंदिर के लिए सिर्फ जमीन ही नहीं बल्कि कई मुस्लिम परिवारों ने आर्थिक मदद भी की है।

जमीन मिलने के बाद मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू भी हो चूका है। वहीं मुस्लिम परिवार इस मंदिर के पुनर्निर्माण में श्रमदान भी कर रहे है। हाल ही में इस मंदिर में रामनवमी के मौके पर पूजा-पाठ भी की गई थी, जिसमें मुसलमानों ने भी हिंदू देवताओं की श्रद्धापूर्वक पूजा अर्चना कर प्रसाद भी ग्रहण किया।

इस मंदिर के निर्माण में सहयोग करके यहाँ के मुस्लिम समुदाय ने हिंदू-मुस्लिम एकता की एक मिशाल पेश की है।

वहीं धर्म के नाम पर दंगा-फसाद करने वाले लोगों के लिए ये किसी चुनौती से कम नही है। उन लोगों को ये कभी नही भूलना चाहिए कि इस देश में सैकड़ों सालों से हिंदू-मूस्लिम प्रेम से रहते आए है।