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लव स्टोरी- इस सच्ची प्रेम कहानी में छुपी है बदले और जुनून की अनोखी दास्तान !

बदले और जुनून की दास्तान

जहां प्यार होता है वहां जुनून का होना स्वाभाविक है.

लेकिन अगर प्यार में बदले की भावना आ जाए तो वो प्यार प्यार नहीं रहता!

लेकिन अगर हम ये कहें कि लड़के के दिल में छुपे बदले और जुनून की भावना ही उसे उसकी प्रेमिका से मिलाने की सबसे बड़ी वजह बन गई तो आप क्या कहेंगे?

जी हां आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक प्रेमी जोड़े की ऐसी ही अनोखी प्रेम कहानी, जिसमें छुपी है बदले और जुनून की दास्तान.

Love-

ये उन दिनों की बात है, जब एक मिडल क्लास फैमिली से आनेवाला प्रदीप अपने कॉलेज में फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहा था. प्रदीप जिस कॉलेज में पढ़ता था उस कॉलेज के पास गर्ल्स कॉलेज भी था.

रोज़ाना की तरह एक दिन प्रदीप अपने कुछ दोस्तों के साथ कॉलेज से घर के लिए निकला. लेकिन यह दिन प्रदीप की ज़िंदगी में एक तूफान लानेवाला था.

रास्ते में प्रदीप अपने दोस्तों के साथ हंसी-मज़ाक करते हुए जा ही रहा था कि उसकी नज़र एक लड़की पर आकर रुक गई. उस लड़की ने सलवार सूट पहना था और अपना सिर झुकाकर वहां से जा रही थी. प्रदीप कुछ देर तक वहीं खड़ा रहा और जब तक वो लड़की उसकी आंखों से ओझल नहीं हो गई तब तक उसे देखता ही रहा.

उस लड़की को देखकर प्रदीप के दिल में पूरी तरह हलचल मच चुकी थी और उसने अपने दिल का सारा हाल अपने दोस्तों को सुना दिया.

कुछ दिन बाद प्रदीप को पता चला कि वो लड़की पास ही के गर्ल्स कॉलेज में पढ़ती है और उसका नाम संगीता है.

अब तो हर रोज़ प्रदीप उसी समय पर उस रास्ते से गुज़रता था, जिस समय संगीता अपने कॉलेज के लिए निकलती थी. कई बार प्रदीप की मुलाकात संगीता से उसी मोड़ पर हो जाती, उसने कई बार बात करने की हिम्मत भी जुटाई लेकिन संगीता बिना जवाब दिए वहां से निकल जाती थी.

प्रदीप हर बार अपने दिल की बात संगीता से बताने की कोशिश करता लेकिन हर बार नाकाम हो जाता.

एक दिन उसने हिम्मत जुटाई और संगीता के नाम लव लेटर लिख दिया. जब संगीता उस रास्ते से कॉलेज जा रही थी तब प्रदीप ने उसे रोका और लव लेटर थमाते हुए कहा कि इसे घर जाकर पढ़ना.

हालांकि संगीता भी उसे पसंद करने लगी थी लेकिन उसे मज़ा चखाने के इरादे से लव लेटर ले लिया और घर पहुंचने के बाद उसने उस लेटर को अपने पिता को दे दिया, ये सोचकर कि शायद उसके पिता सिर्फ प्रदीप को डांटेंगे. लेकिन हुआ इसका उल्टा.

अपनी बेटी के साथ हुई इस घटना से संगीता के पिता गुस्से से आग बबुला हो गए और उस लव लेटर को लेकर सीधे पुलिस स्टेशन पहुंच गए.

पुलिस स्टेशन में शिकायत करने के बाद पुलिस प्रदीप को कॉलेज से उठाकर थाने ले गई. थाने में पुलिस ने प्रदीप की खूब पिटाई की.

संगीता के पिता ने प्रदीप से कहा : – ‘क्यों उतर गया ना तुम्हारे सिर से इश्क का भूत’ ! चले थे मेरी बेटी को लव लेटर देने,  तुम्हारी औकात क्या है, तुम किसी भी तरह से मेरी बेटी के लायक नहीं हो.’

संगीता ने नहीं सोचा था कि मामला इतना बढ़ जाएगा. प्रदीप को पिटता देख संगीता काफी दुखी हुई लेकिन पिता का विरोध करने की उसमें हिम्मत नहीं थी.

उधर थाने में पुलिस के डंडे खाने के बाद प्रदीप ने संगीता से बदला लेने की ठान ली और उसपर इसी पुलिस थाने में पुलिस अधिकारी बनकर आने का जुनून सवार हो गया.

हालांकि परिवारवालों की मदद से वो जेल से बाहर तो आ गया, लेकिन उसकी इस करतूत से पूरे परिवारवाले नाराज़ हो गए थे.

प्रदीप ने अपने पिता से कहा :- ‘मैं उस लड़की से प्यार करता हूं और मैं आपसे वादा करता हूं कि खुद वो लड़की और उसके पिता आपसे आकर माफी मांगेंगे और मुझसे शादी करने की भीख मांगेंगे’.

प्रदीप ने कहा कि पापा मैंने ठान लिया है कि जिस थाने में मेरी बेइज्जती और पिटाई हुई है मैं वहीं पर पुलिस इंस्पेक्टर बनकर जाऊंगा.

यहाँ से शुरू होती है बदले और जुनून की दास्तान !

प्रदीप जी जान से पुलिस भर्ती के लिए परीक्षा की तैयारी करने लगा और उसने परीक्षा भी दी. कई बार उसे असफलता भी मिली लेकिन उसने हार नहीं मानी.

आखिरकार एक दिन उसके इस जुनून ने कमाल कर दिखाया और उसने परीक्षा पास कर ली, लेकिन उसे पोस्टिंग जीआरपी में मिली.

हालांकि उसने जीआरपी की नौकरी तो जॉइन कर ली लेकिन फिर भी उसने परीक्षा देने का सिलसिला कायम रखा और आखिरकार वो घड़ी आ ही गई जब जीआरपी से उसका ट्रांसफर उसी थाने में हुआ जिसका जुनून उसके सिर पर सवार था.

बदले और जुनून की दास्तान धीरे धीरे आगे बढ़ रही थी !

प्रदीप ने अपने गांव के इस थाने में बतौर पुलिस इंस्पेक्टर नौकरी करनी शुरू कर दी. अब प्रदीप के पास संगीता और उसके पिता से बदला लेने की घड़ी आ चुकी थी.

प्रदीप को पता चला कि संगीता की शादी किसी और से तय हो चुकी है. अपना बदला लेने के लिए सबसे पहले प्रदीप ने संगीता के मंगेतर को फोन किया और उससे कहा कि ‘मैं संगीता से प्यार करता हूं, इसलिए मेरे रास्ते हट जाओ और शादी के लिए मना कर दो’.

प्रदीप के धमकाने के बाद संगीता की शादी टूट गई.

इस बदले और जुनून की दास्तान से बिरादरी में उसकी बदनामी होने लगी. लेकिन अभी बहुत कुछ बाकी था. बदले और जुनून की दास्तान का अगला कदम था कि प्रदीप ने एक झूठे केस का आरोप लगाते हुए संगीता के पिता को पुलिस थाने में बुलाया.

जब संगीता के पिता पुलिस थाने पहुंचे तो प्रदीप उनसे बोला ‘क्यों यहां आकर आपको कुछ याद आया. मैंने ही आपको झूठे केस में फंसाया है. मैं अब तक अपनी उस बेइज्जती को नहीं भूला हूं जो आपने किया था’.

पुरानी बातों को याद करते ही संगीता के पिता ने प्रदीप से माफी मांगी और कहा कि मैं गलत था मेरी बेटी के लिए तुमसे बेहतर और कोई लड़का हो ही नहीं सकता, प्लीज मेरी बेटी से शादी कर लो.

चेहरे पर गुस्से का भाव लाते हुए प्रदीप ने कहा कि ‘मैं आपकी बेटी से शादी नहीं करूंगा. मैं तो सिर्फ बदला लेना चाहता था’. इतना कहकर प्रदीप संगीता के पिता को घर वापस जाने को कहता है.

संगीता और उसके पिता को अपने किए पर पछतावा होता है. वो दोनों प्रदीप के पिता के पास पहुंचते हैं और माफी मांगते हुए प्रदीप का रिश्ता मांगते हैं.

ठीक उसी वक्त प्रदीप भी घर पहुंचता है. सारी बाते सुनने के बाद संगीता और उसके पिता से कहता है कि आपसे बदला लेने का मेरा सिर्फ एक ही मकसद था कि आपको आपकी गलती का एहसास हो.

मैं आज भी संगीता से बेहद प्यार करता हूं.

तो ये थी बदले और जुनून की दास्तान – अगर प्रदीप के सिर पर संगीता को पाने का जुनून न सवार होता और अपने अपमान का बदला लेने की भावना नहीं होती तो शायद आज संगीता किसी और की होती.

ये था बदले और जुनून की दास्तान का अंत!