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इस महिला को कहते हैं लेडी सिंघम जिसने उतारा 16 आतंकियों को मौत के घाट !

बॉलीवुड की फिल्मों में आपने कई अभिनेत्रियों को पर्दे पर पुलिस ऑफिसर का दमदार किरदार निभाते हुए देखा ही है. लेकिन इस फिल्मी दुनिया से परे असल ज़िंदगी में हमारे देश में कई ऐसी महिला पुलिस अधिकारी उभरकर सामने आई हैं जिन्होंने अपनी बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा का अद्भुत उदाहरण पेश किया है.

देश की कई महिला आईपीएस अधिकारियों ने असल जिंदगी में अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए मुहिम छेड़ रखी है जो उनकी बहादुरी और दिलेरी का परिचय देती है.

इसी कड़ी में आज हम आपके लिए लेकर आए हैं देश की एक ऐसी महिला आईपीएस ऑफिसर की दिलचस्प कहानी जिसे लेडी दबंग, लेडी सिंघम कहकर पुकारा जाता है और उसने 15 महीनों के ऑपरेशन के दौरान 64 से ज्यादा आतंकियों को धर दबोचा जबकि 16 आतंकियों को ढ़ेर करने का कारनामा कर दिखाया है.

आतंकियों के लिए संजुक्ता पराशर हैं लेड़ी सिंघम

आयरन लेडी के नाम से मशहूर संजुक्ता पराशर साल 2006 बैच की आईपीएस ऑफिसर हैं. यूपीएसई की परीक्षा में 85वां रैंक हांसिल करने के बाद संजुक्ता पराशर आईपीएस ऑफिसर बनीं. अच्छा रैंक हांसिल करने के बावजूद संजुक्ता ने अपने राज्य असम को ही चुना और मेघालय-असम कैडर को तवज्जो दी.

दरअसल संजुक्ता स्कूल के वक़्त से ही अपने राज्य में आतंकियों के कहर से बेहद चिंतित रहती थीं और असम में पोस्टिंग के बाद संजुक्ता ने अपनी टीम के साथ बोडो उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया.

बहादूरी का दूसरा नाम है ये लेडी सिंघम

आईपीएस ऑफिसर संजुक्ता पराशर बहादूरी का दूसरा नाम हैं और अपनी बहादूरी दिखाते हुए संजुक्ता ने असम में पिछले एक साल से आतंकवाद के खिलाफ मुहिम छेड़ रखा है.

आपको बता दें कि महज़ 15 महीने में संजुक्ता ने अपनी टीम के साथ 64 से ज्यादा आतंकियों को धर दबोचा है जबकि 16 आतंकियों को ढ़ेर कर दिया है.

उनकी पहली पोस्टिंग साल 2008 में माकुम में हुई थी. यहां उन्हें असिस्टेंट कमांडेंट के तौर पर नियुक्त किया गया था और बोडो-बांग्लादेशियों के बीच हुई हिंसा की ज़िम्मेदारी भी उन्हें दी गई थी.

वाकई संजुक्ता पराशर ने महिला होते हुए जिस बहादुरी का परिचय दिया है वो काबिले तारीफ है. इसके साथ ही इस युवा आईपीएस अधिकारी को असम की पहली महिला आईपीएस अधिकारी होने का गौरव भी प्राप्त है. आपको बता दें कि इस बहादूर आयरन लेडी संजुक्ता पराशर के पति पुरु गुप्ता एक आईएएस ऑफिसर हैं और उनका एक बेटा भी है.

गौरतलब है कि एक महिला आईपीएस होते हुए संजुक्ता ने जो कारनामा कर दिखाया है उसे सलाम करना चाहिए. यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि हमारे देश को संजुक्ता जैसी कर्तव्यनिष्ठ और बहादूर लेडी सिंघम की सख्त ज़रूरत है जो बेखौफ होकर अपराधियों का सामना करके उन्हें सबक सिखाने का दम रखती हैं.