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सिर्फ एक ही पत्थर से बना है ये मंदिर देखते ही रह जायेंगे आप

एक पत्थर से बना मंदिर

एक पत्थर से बना मंदिर – भारत में बहुत से मंदिर हैं.

ये सब पहले के बने हुए हैं. पहले जो भी मंदिर बने हैं उन्हें देखने के लिए विदेश से भी लोग आते हैं.

असल में हमारी धरोहर हैं ये प्राचीन मंदिर. इन्हें जिस तरह से बनाया गया है वोसच में काबिले तारीफ है. ऐसा ही एक मंदिर है जो सिर्फ एक पत्थर से बना है. इस मंदिर को देखने के लिए लोगों का हुजूम लगा रहता है. इस मंदिर को देखकर आप भी आश्चर्य से भर जाएंगे.

लोग बड़े ही ध्यान से इसे देखते रह जाते हैं. इसके रहस्य को खोजते हैं और फिर दो चार फोटो लेकर इसकी याद को कैद करके चले जाते हैं. इस मंदिर को बनाने के लिए सिर्फ एक ही पत्थर का इस्तेमाल हुआ है. आपको सुनकर हैरानी हो रही होगी लेकिन ये सच है. इस मंदिर की स्थापत्य कला तथा इसकी कारीगरी को देख कर आज भी लोग हैरान रह जाते हैं.

यह मंदिर महाराष्ट्र प्रदेश के औरंगाबाद से 29 किमी की दुरी पर स्थित है. एलोरा की गुफाओं में जो 34 अलग अलग मंदिर हैं, यह मंदिर भी उन्ही में से एक है.  8वीं शताब्दी में  बना यह मंदिर आज के बड़े बड़े कारीगरों को हैरत में डाल देता है. लोग सोचते ही रह जाते हैं कि ये बना कैसे है.

आप भी देखिए एक पत्थर से बना मंदिर और उसकी इसकी कलाकृति को.

20 वर्ष में हु आ था निर्माण

इस मंदिर को लोग कैलाश मंदिर के नाम से जानते हैं, जो एक पत्थर से बना मंदिर है.

इसको राष्ट्रकूट वंश के महाराजा कृष्णा प्रथम के समय में निर्मित किया गया था. भगवान शिव का प्रिय स्थान भी कैलाश ही माना जाता है. अतः इस मंदिर के निर्माण में इस बात का ध्यान रखा गया था कि इसकी आकर्ति कैलाश पर्वत की ही तरह दिखाई पड़ें. इस मंदिर के लिए 400000 लाख टन पत्थरों को काट कर इसे बनाया गया. इस मंदिर को बनाने में 20 साल लग गए थे.

ज़रा सोचिए कितनी मेहनत से बना है ये एक पत्थर से बना मंदिर.

अद्भुद है वास्तुकला

सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो यह है की ये मंदिर दो मंजिला है.

अब आप सोच ही सकते होंगे कि कितनी मेहनत लगी होगी इसे बनाने में. आज बड़ी बड़ी मशीनों के ज़रिये कुछ भी बना लिया जाता है, लेकिन उस समय हाथ से इतना भव्य मंदिर बनाना सच में बहुत बड़ा काम था. मंदिर का बाहरी आंगन U आकार का है तथा 3 विशाल स्तंभों से घिरा हुआ है. शिव मंदिर में द्वार के बाहर नंदी बैठा होता है. इसी बात को ध्यान में रख कर उस समय ही विशाल नंदी की प्रतिमा को इस मंदिर के द्वार के बाहर बनाया गया था, जो आज भी यहां मौजूद है.

मंदिर के चारों और हाथियों की प्रतिमाएं स्थित है. आप एक बार मंदिर में घुस गए तो आपका मन बाहर निकलने का नहीं करेगा.

इस मंदिर की और भी विशेषताएं हैं. मंदिर के भीतर के हिस्से में खिड़की, दरवाजे तथा बाह्य कमरे हैं तथा गर्भगृह में विशाल शिवलिंग स्थित है. इस मंदिर के प्रवेश द्वार के दोनों और देवी देवताओं की प्रतिमाएं खुदी हुई है. इन देवी देवताओं को भगवान शिव का अनुयायी माना गया है.

ये है एक पत्थर से बना मंदिर – आप भी इस मंदिर का दर्शन करने ज़रूर जाएं. विदेश तो आपने बहुत घूमा होगा कभी अपने देश में घूमें और देखें कि कितनी अनमोल चीज़ें बनी हैं.