Categories: अन्य

किसे याद हैं बचपन के ये 5 खेल? फिर से खेलें?

बचपन के खेल !

बचपन सब से सुनहरा वक़्त होता है हर किसी के जीवन में!

उन दिनों की शरारतें, खेल, मस्तियाँ चाह कर भी कभी वापिस नहीं आतीं पर हाँ, उनकी याद किसी भी उम्र में आपके चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कान ज़रूर ले आती है!

आज के दौर में जहाँ बच्चे घर से ज़्यादा बाहर नहीं निकलते, वीडियो गेम्स और स्मार्ट फ़ोन्स पर ही लगे रहते हैं, उन दिनों को याद करना जब हम खुद बच्चे थे और बाहर सड़क पर, मिटटी में, एक-दूसरे के घरों में क्या-क्या खेल खेलते थे सच में एक नयी स्फूर्ति ले आता है!

आओ ज़रा याद दिलाऊँ बचपन के खेल जो हम सभी ने खेले थे!

1) पिट्ठू

याद है, ये वो खेल है जहाँ नए बन रहे घरों से मार्बल यानि कि संगेमरमर के टूटे टुकड़े चुरा के मस्ती होती थी! 8-10 मार्बल के छोटे-छोटे टुकड़ों को एक के ऊपर एक रख दिया जाता, दो टीमें बन जातीं और निशाना होता उस ढेरी को तोडना! बॉल से ढेरी तोड़ी, एक टीम बॉल पकड़ने भागती और दूसरी टीम का काम होता बॉल पकड़ में आने से पहले फिर से ढेरी को तैयार करना! कुछ याद आया?

2) लंगड़ी टाँग

इसे कौन भुला सकता है? किसी भी पार्क में या खाली प्लॉट में खेल लिया करते थे! एक टाँग पर कूदते हुए दूसरी टीम के लोगों को आउट करना होता था और सुनने में आसान लगता है लेकिन मुश्किल था यार! कितनी बार गिरा हूँ मैं, याद नहीं लेकिन उस चोट में भी मज़ा था!

3) कंचे

इसकी लड़ाई तो आज भी कई दोस्तों के साथ है! कोई कहता है मैंने उसक कंचे देने हैं तो किसी से मुझे अपने कंचे लेने हैं! बचपन में निक्कर की जेबें फट जाया करती थीं जिस दिन कंचे के खेल में जीत होती थी| ये भर-भर कर कंचे जीतते और घर पर मम्मी की डाँट पड़ती कि उन्हें जेब में रखने की क्या ज़रुरत है! रंग-बिरंगे कंचों को अँधेरे में देखने का तो मज़ा ही कुछ और था!

4) स्टापू

खेल तो यह लड़कियों का था लेकिन लड़के भी इसमें कम मज़ा नहीं लेते थे! आखिर लड़कियों के साथ वक़्त बिताने के लिए क्या-क्या पापड़ नहीं बेले उन दिनों में जब फ़ेसबुक या ट्विटर नहीं था कि फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी और लो हो गयी दोस्ती!

5) टिपि टिपि टैप

अच्छा ये वाला याद है? इस में और कुछ हो न हो, रंगों के बारे में कमाल का ज्ञान मिल गया था! जिस लड़के की डेन होती वो अपनी पसंद का एक रंग बोलता और बाकी सभी को उस रंग पर अपनी ऊँगली रखनी होती! चाहे वो रंग कमरे में किसी चीज़ पर हो या कपड़ों में या कहीं भी! जिसने नहीं रखा और पकड़ा गया, फिर उसकी बारी! लड़कों को शायद मजेंटा और हल्का वाला पिंक यहीं से पता चला होगा!

आ गया न बचपन वापिस? तो फ़ोन मिलाओ अपने बचपन के दोस्तों को और हो जाए एक-एक राउंड इन सभी खेलों का? मैं तो चला कंचे खेलने, आप क्या खेलोगे?

Nitish Bakshi

Share
Published by
Nitish Bakshi

Recent Posts

Jawaharlal Nehru के 5 सबसे बड़े Blunders जिन्होंने राष्ट्र को नुकसान पहुंचाया

भारत को आजादी दिलाने में अनेक क्रांतिकारियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया था, पूरे…

6 years ago

Aaj ka Rashiphal: आज 3 अप्रैल 2020 का राशिफल

मेष राशि आप अपने व्यापार को और बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहेंगे. कार्यक्षेत्र में…

6 years ago

डॉक्टर देवता पर हमला क्यों? पढ़िए ख़ास रिपोर्ट

भारत देश के अंदर लगातार कोरोनावायरस के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं. डॉक्टर्स और…

6 years ago

ज्योतिष भविष्यवाणी: 2020 में अगस्त तक कोरोना वायरस का प्रकोप ठंडा पड़ जायेगा

साल 2020 को लेकर कई भविष्यवाणियां की गई हैं. इन भविष्यवाणियों में बताया गया है…

6 years ago

कोरोना वायरस के पीड़ित लोगों को भारत में घुसाना चाहता है पाकिस्तान : रेड अलर्ट

कोरोना वायरस का कहर लोगों को लगातार परेशान करता हुआ नजर आ रहा है और…

6 years ago

स्पेशल रिपोर्ट- राजस्थान में खिल सकता है मोदी का कमल, गिर सकती है कांग्रेस की सरकार

राजस्थान सरकार की शुरू हुई अग्नि परीक्षा उम्मीद थी कि सचिन पायलट को राजस्थान का…

6 years ago