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भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों को नहीं मिलती है इस मंदिर में दाखिल होने की इजाजत !

भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनि मंदिर

भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनि मंदिर – भारत एक मंदिरों का ऐसा देश है जहां ऐतिहासिक और चमत्कारिक मंदिरों की भरमार है. देश के ये सभी मंदिर अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए है और आए दिन इनसे जुड़े कई चमत्कार की कहानियां सुनने को मिलती रहती है.

आज हम आपको देश के एक ऐसे मंदिर से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसके द्वार आम भक्तों के लिए सदा खुले रहते हैं लेकिन इस भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनि मंदिर में भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों के आने पर सख्त पाबंदी है.

भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनि मंदिर

उत्तर प्रदेश के कानपुर विश्वविद्यालय के पीछे स्थित इस अनोखे मंदिर का नाम भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनि मंदिर है. यह मंदिर निजी भूमि पर बना है और इस मंदिर के भीतर स्थित मूर्तियों को भी तर्कों के आधार पर ही स्थापित किया गया है.

इस मंदिर में शनि देव की तीन मूर्तियों के साथ ब्रह्मा की मूर्ति ऐसे रखी गई है जिससे लगता है कि ब्रह्मा सीधे शनि देव को देख रहे हैं. इन मूर्तियों के साथ हनुमान जी की भी एक मूर्ति स्थापित की गई है.

भ्रष्ट लोगों पर है शनिदेव की नजर

भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनि मंदिर  में आम भक्तों को बिना किसी रोक टोक के प्रवेश दिया जाता है लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों, मंत्रियों, न्यायधीशों का प्रवेश वर्जित है.

इस मंदिर में अधिकारियों, मंत्रियों, इलाहाबाद और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की तस्वीरों को इस तरह से लगाया गया है जिससे शनिदेव की सीधी निगाह उनपर बनी रहे.

इसके साथ ही यह प्रावधान किया गया है कि 20 सालों में अगर व्यवस्था में सुधार होता है तो इन वर्जित वर्गों को भी मंदिर में प्रवेश मिल सकता है.

मंदिर में ये सभी काम है वर्जित

शनिदेव के इस मंदिर में मूर्तियों के ऊपर तेल, प्रसाद चढ़ाना और घंटा बजाना वर्जित है. हालांकि लौंग, इलायची, काली मिर्च चढ़ाए जा सकते हैं इसके साथ ही मिट्टी के दीये भी जलाए जा सकते हैं.

इस मंदिर में शराबियों को प्रवेश नहीं दिया जाता है. इसके साथ ही यहां थूकना, खैनी चबाने जैसे काम करनेवाले लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाता है.

गौरतलब है कि इस भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनि मंदिर के निर्माण के पीछे ये उद्देश्य है कि इस मंदिर में किसी भी भ्रष्ट इंसान को प्रवेश नहीं दिया जाएगा भले ही वो कोई बडा नेता या अधिकारी ही क्यों ना हो.