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ये 5 फायदे जानकर आप भी कहेंगे कि सुंदरकांड का पाठ हर किसी को जरूर करना चाहिए !

सुंदरकांड का पाठ

भगवान श्रीराम के परम भक्त और भगवान शिव के रुद्रावतार हनुमान जी कलियुग में सबसे जल्दी प्रसन्न होनेवाले देवता बताए गए हैं.

संकटमोचन हनुमान जी अपने भक्तों की थोड़ी सी भक्ति से ही प्रसन्न हो जाते हैं और उनपर कोई भी संकट आने नहीं देते हैं.

जाहिर है हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होनेवाले देवता है लिहाजा उनसे जुड़ा कोई भी मंत्र या पाठ भी ज्यादा शक्तिशाली और शीघ्र फलदायी होता है.

लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं सुंदरकांड का पाठ और उसके पांच फायदे जानकर आप अपने पूरे परिवार के साथ हर रोज इस पाठ को जरूर करना चाहेंगे.

1- मनोकामना शीघ्र होती है पूरी

मान्यता है कि नियमित रुप से सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्तों की मनोकामना को शीघ्र पूर्ण करने के साथ ही हनुमान जी उन्हें अद्भुत शक्ति प्रदान करते हैं. रामचरितमानस के सुंदरकांड में राम भक्त हनुमान के गुणों और उनके विजय की गाथा का गुणगान किया गया है. कहा जाता है कि सुंदरकांड का पाठ हर मुराद को पूरी करनेवाला है.

2-आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति बढ़ाता है

सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्तों के आसपास नकारात्मक शक्तियां भटक ही नहीं सकती. कहा जाता है कि जब किसी का आत्मविश्वास कम हो जाए या हर काम असफल हो जाए तो ऐसे में सुंदरकांड का पाठ करने से सभी काम अपने आप ही बनने लगते हैं. कई मनोवैज्ञानिको का भी मानना है कि सुंदरकांड का पाठ भक्तों में आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति को बढ़ाता है.

3- हर परीक्षा में मिलती है सफलता

सुंदरकांड के पाठ की एक-एक पंक्ति और उससे जुड़ा अर्थ, भक्त को जीवन में कभी ना हार मानने की सीख प्रदान करता है. मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक किसी बड़ी परीक्षा से पहले सुंदरकांड का पाठ करने से परीक्षा में सफलता जरूर मिलती है.

4- नकारात्मक शक्तियां भागती हैं दूर

मान्यता है कि जब घर में रामायण का पाठ रखा जाए तो उस पूरे पाठ में से सुंदरकांड का पाठ घर के किसी सदस्य को खुद ही करना चाहिए. ऐसा करने से घर से नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं और सकारात्मक शक्तियों का संचार होता है.

5- ग्रहों के अशुभ प्रभाव से मिलता है छुटकारा

अगर आपके घर-परिवार के सदस्यों पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव है तो सुंदरकांड का पाठ इन ग्रहों के अशुभ प्रभाव से छुटकारा दिलाता है. अगर आप खुद इसका पाठ नहीं कर सकते हैं तो फिर घर के सभी सदस्यों को यह पाठ सुनना जरूर चाहिए.

बहरहाल सुंदरकांड के पाठ को लेकर मान्यता है कि हर रोज इसका पाठ करने से जीवन की सारी समस्याओं से लड़ने की भक्तों को अद्भुत शक्ति मिलती हैऔर उन्हें हर काम में सफलता मिलती है.