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इंडिया के इस बॉलर ने लगातार 21 ओवर मेडेन फेंके थे!

बापू नाडकर्णी

क्रिकेट को हमेशा से ही बल्लेबाजों का खेल कहा जाता रहा है क्योंकि अधिकतर लोगों को चौके-छक्के देखना अच्छा लगता है।

लेकिन हम आपको बता दें कि गेंदबाजी में भी ऐसे कई महान रिकॉर्ड बने है जिनको देखकर ऐसा लगता है कि ये खेल सिर्फ गेंदबाजी का है।

इस खेल में जब भी गेंदबाजों को हुनर दिखने का मौका मिलता है तब वे हैट्रिक लेने से और योर्कर से स्टंप उखाड़ने से नहीं चुकते है।

आज हम आपको ऐसे ही एक गेंदबाज के बारे में बताने जा रहे है जिसका रिकॉर्ड आज तक दुनिया में कोई नहीं तोड़ पाया है। इन्हें दुनिया का सबसे कंजूस गेंदबाज कहा जाता है। क्योंकि उन्होंने लगातर 21 ओवर मेडेन फेंके थे, जो कि एक विश्व रिकॉर्ड है।

भारत और इंग्लैंड के बीच ऐसे तो कई बड़े-बड़े मैच हुए है।

लेकिन आज हम जिस टेस्ट मैच की बात करने जा रहे है वो इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। ये बात 1964 की है जब इंग्लैंड टीम सात हफ़्तों के टूर पर भारत आई हुई थी। पहला टेस्ट 10 जनवरी को मद्रास में शुरू हुआ। भारत की पहली बैटिंग थी भारत ने 7 विकेट पर 457 रन बनाये। जवाब में इंग्लैंड की टीम पहली पारी में 317 रन पर ही आलआउट हो गई।

इस मैच की सबसे बड़ी बात रही भारत की गेंदबाजी।

भारत की तरफ से बापू नाडकर्णी जो कि लेफ्ट आर्म स्पिनर थे ने सबसे बेहतर गेंदबाजी की थी। उन्होंने कुल 32 ओवर फेंके थे जिसमें सिर्फ 5 रन दिए थे और 27 ओवर मेडेन फेंके थे। लेकिन सबसे बड़ी बात ये थी की बापू नाडकर्णी ने लगातर 21 ओवर मेडेन फेंके थे जो की अब तक का विश्व रिकॉर्ड है और जिसे कोई नहीं तोड़ पाया है।

मतलब लगातार 21 ओवरों तक दो बल्लेबाज बस खड़े रहे। हालाँकि बापू नाडकर्णी को अपनी इस पूरी गेंदबाजी में कोई विकेट नहीं मिला लेकिन बापू नाडकर्णी वो काम कर गये जिसका सपना हर कोई गेंदबाज देखता है। बापू नाडकर्णी ने अपने क्रिकेट करियर के दौरान कुल 41 टेस्ट मैच खेले थे जिसमें उन्होंने 88 विकेट लिए थे।

इस दौरान उनका रन देने का औसत 1.67 का रहा।