5 दिमाग झगझोर देनेवाले कार्टून षड्यंत्र सिद्धांत

बच्चों की किलकारियाँ सारे घर में गूंजने लगती हैं जब टेलीविजन पर ‘टॉम एंड जेरी’ जैसे कार्टून अपने कारनामों से मची कॉमेडी पर सवार होकर धूम मचाने लगते हैं. बच्चे काफी दिलचस्पी से इन कार्टूनों का मज़ा लेने में कहीं खो से जाते हैं.

ऐसे कई षड्यंत्र सिद्धांत (conspiracy theory) हैं जो आपके बचपने को काफी हद तक बर्बाद कर सकते हैं. जी हाँ, बर्बाद, तबाह, नेस्तनाबूत और ख़त्म कर सकते हैं. कृपया अपने छोटे भाई-बहनों को इस पोस्ट से दूर रखियेगा! वरना ऊपरी सुर में जोर से “नहीं!” की आवाज़ सुनना अपेक्षित है.

आइये नज़र डालते हैं ऐसे कार्टूनों पर जिनपर षड्यंत्र सिद्धांत (conspiracy theories) कायम है.
सबसे पहला कार्टून.

१. ‘करेज द कावर्डली डॉग’ (courage the cowardly dog)

यह कार्टून कार्यक्रम ऐसे कुत्ते पर आधारित है जो अपने दो मालिकों को तरह-तरह के भूत-प्रेतों, पिशाचों और न जाने कितने अजीबो-गरीब लोगों से बचाता फिरता है. यह सिद्धांत काफी हद तक सही हो सकता है. तो सिद्धांत यह है कि यह कार्टून, ‘करेज’ यानी उस कुत्ते के दृष्टिकोण से दर्शाया गया है.

करेज जिसे हम भारतीय ‘शेरदिल’ के नाम से जानते हैं, एक सामान्य कुत्ता है जो लोगों को शक भरी नज़रों से देखता है और इसलिए उसे यह लोग भूत-प्रेतों की तरह नज़र आते हैं. कार्यक्रम में दर्शाया गया है कि करेज अपने दोनों मालिकों के साथ जिनका नाम यूस्टस और म्युरिअल है, एक जगह पर रहता है जिसका नाम ‘कहीं नहीं’ है, जी हाँ जगह का नाम ‘कहीं नहीं’ है. उसके दोनों मालिक काफी बूढ़े हो चुके हैं और इसलिए उसे घुमाने कहीं बाहर नहीं ले जा सकते. इसी कारण वह सिर्फ अपने घर के इर्द-गिर्ध के माहौल से ही वाकिफ है. और इसलिए जगह का नाम ‘कहीं नहीं’ बताया गया है.

है ना दिलचस्प??

चलिए दूसरे कार्टून कार्यक्रम की तरफ रुख करते हैं….

२. ‘अल्लादीन’

‘अल्लादीन’ में दिखाई गयी दुनिया भविष्य पर आधारित है.
अल्लादीन के प्रशंसकों के लिए एक नई कहानी पेश करता हूँ.

‘अल्लादीन’ के एक एपिसोड में जिनी अल्लादीन को कहता है कि उसके कपडे इतने पुराने हैं कि तीसरी सदी के  लगते हैं…. लेकिन जिनी फिर यह भी कहता है कि वह अपने चिराग में पिछले १०,००० सालों से कैद है.

इन दो संवादों को कुछ होशियार लोगों ने बकायदा जांचा परखा है और इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि अल्लादीन की कहानी सन 10,000 में स्थित है. इसलिए यह बात साबित होती है कि ‘अल्लादीन’ में दिखाई गयी दुनिया भविष्य पर आधारित है.

चौक गए?? एक और षड्यंत्र सिद्धांत सिर्फ आपके लिए

३. चार्ली ब्राउन कैंसर पीड़ित है.

‘पीनट्स’ कार्टून में मुख्य किरदार चार्ली ब्राउन के एक भी बाल नहीं हैं. कुछ लोग यह सिद्धांत लगाते हैं कि चार्ली ब्राउन कैंसर पीड़ित है और इसलिए उसके सारे बाल झड चुके हैं. ‘पीनट्स’ कॉमिक में हर चीज़ चार्ली ब्राउन की  इच्छा के विपरीत होती है और उसके साथ कुछ भी अच्छा नहीं हो पाता. सिद्धांत यह भी है कि वह धीरे-धीरे मर रहा है और सब चीज़ें सिर्फ बेहोशी की हालत में सोचता रहता है.

बचपना बर्बाद हुआ? नहीं हुआ हो तो एक और सिद्धांत…

४. ‘पोकीमोन’ का नायक ‘ऐश’ कोमा में है.

हर एक अवास्तविक बच्चोंवाले कार्टून का सत्यानाश करने वाला सिद्धांत कहीं ना कहीं मिल ही जाता है.

लोग ऐसा कहते हैं कि ‘पोकीमोन’ कार्टून कार्यक्रम के नायक ‘ऐश केचम’ दरअसल उसके प्रिय पोकेमोन ‘पिकाचू’ से भिडंत के कारण कोमा में चला गया था और उसके साथ कार्यक्रम में हो रही हर एक चीज़ काल्पनिक है.

५. ‘द फ्लिंटस्टोंस’ भविष्यसूचक (post-apocalyptic) है.

फ्लिंटस्टोंस कार्टून कार्यक्रम सन 1960 से लेके 1966 तक चला था. शीत युद्ध के दौरान, ऐसा होना संभव था कि अमरीका और रूस के बीच जंग छिड़ जाती. परमाणु युद्ध शुरू हो जाता और सारी दुनिया का खात्मा हो जाता.

फिर इन्सान को वापस पाषाण युग से शुरुआत करनी पड़ती. कार्यक्रम में क्रिसमस जैसे त्योहारों को मनाया जाता था और तरह-तरह की आधुनिक चीज़ें दिखाई गयी हैं जो इस सिद्धांत को मज़बूत बनाती हैं.

खैर इन सब बातों पर ज़्यादा ध्यान ना दीजियेगा और अपने छोटे भाई बहनों को कृपा करके ऐसी कांस्पीरेसी थिओरी बताके उनके बचपन का हाल ना खराब कीजियेगा.

Durgesh Dwivedi

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