1948 के भारत-पाक युद्ध को कश्मीर का युद्ध भी कहते हैं.
यह युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर और जम्मू रियासत के लिए लड़ा गया था.
स्वतंत्रता के कुछ ही हफ्तों के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर को हथियाने का प्रयास किया और इसके लिए वजीरिस्तान के आदिवासी कबायली लश्कर को लाइन ऑफ़ कण्ट्रोल पार कराया था.
आज के दौर के लोगों को तो भारत-पाक युद्ध याद भी नहीं होगा. आज हम आपको इस भारत-पाक युद्ध की तस्वीरें दिखाने वाले हैं.
तो देखिये भारत-पाक युद्ध की तसवीरें और याद कीजिये भारत माता के इन सपूतों को-
1. अंग्रेज जाते-जाते कश्मीर के राजा को यह हक देकर गये थे कि जम्मू-कश्मीर चाहे तो भारत में शामिल हो या चाहे तो पाकिस्तान में जाये. राजा हरि सिंह भारत में शामिल होना चाहते थे लेकिन इसमें जो देरी हुई, वही युद्ध की वजह बन गयी थी.
2. वैसे बोला जाता है कि तब के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु अगर सही समय पर कार्यवाही कर लेते तो कश्मीर का मुद्दा कभी भी विवाद का विषय बनता ही नहीं.
3. जब पाकिस्तान की सेना जो कबायली थे वह कश्मीर की सीमा आ गये थे तब भी कोई बड़ी कार्यवाही नहीं की गयी थी. भारत की सेना हाथ पर हाथ रखे हुए बस लोगों का कत्लेआम देख रही थी.
4. पाकिस्तान ने कबायली लोगों की इसलिए कश्मीर भेजा था क्योकि वह जानता था कि अभी हमारे पास सैनिक नहीं हैं. अगर यह लोग जीत जाते हैं तो कश्मीर हमारा और हार जाते हैं तो कबायली लोगों की ही मौत होगी.
5. इन लोगों के पास जिस तरह के हथियार थे, उन्हें देखकर साफ़ मालूम चल रहा था कि यह पाकिस्तान सेना की तरफ से मदद दिए जा रहे, लड़ाके हैं.
6. युद्ध के समय भारत की सेना का तब कश्मीर की पहाड़ियों को पार कर, यहाँ तक पहुचना मुश्किल था. ऐसा लगने लगा था कि अब भारत के हाथ से कश्मीर निकल जायेगा. लेकिन तभी भारतीय सेना के जहाज से हथियार और सैनिक कश्मीर की वादियों तक पहुँचाया दिए गये थे. यह काम पढने में आसान है लेकिन यह काम काफी मुश्किलों भरा था.
7. युद्ध के वजह से आसपास के लोगों का पलायन तेजी से हो रहा था. लोग अपनी जान बचाकर बस भाग रहे थे. कबायली लोग कश्मीरी लोगों को मार रहे थे.
8. भारतीय सेना ने पाकिस्तान की तरफ से आये दुश्मनों को चुन-चुनकर मारना शुरू कर दिया था.
9. जब तक भारत की सेना यहाँ पहुंची थी तब तक कश्मीरी लोग ही कबायली लोगों को टक्कर दे रहे थे. इन लोगों की शहीदी को आज का कश्मीर भूल गया है.
10. इस युद्ध में कश्मीर के कई गाँव धूल में मिल गये थे और हजारों बेकसूर लोगों की जान पाकिस्तान ने ली थी.
11. इस युद्ध पर विराम लगाने का काम 31 दिसंबर 1948 को किया गया था. यह जवाहर लाल नेहरु की कम समझ का ही नतीजा था कि पाक को कश्मीर का थोड़ा हिस्सा दे दिया था.
12. असल में भारतीय सेना काफी कमाल की लड़ाई लड़ने में तब कामयाब रही थीं. थोड़े समय में ही भारतीय सैनिकों ने पाक आतंकवादियों को धूल में मिला दिया था.
ये थी भारत-पाक युद्ध की तसवीरें – लेकिन आज हम इन शहीदों को याद नहीं करते हैं.
आप हम सुरक्षित हैं तो उसके पीछे इन जवानों का ही हाथ है. इसलिए इनके नाम रोज भी जपें तो कुछ गलत नहीं होगा.
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