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दंगल गर्ल ने क्यों मांगी खुले तौर पर माफ़ी !

जायरा वसीम

‘यह एक खुला माफीनामा है।‘

ऐसा बात ‘दंगल’ में अपने अभिनय का ‘दंगल’ करने वाली जायरा वसीम ने लिखा है।

जायरा वसीम वो 16 साल की अभिनेत्री है जिसने दंगल में भारतीय कुश्ती खिलाड़ी गीता फोगाट का किशोरावस्था का किरदार निभाया था।

जायरा वसीम कश्मीर की रहने वाली है। दंगल के बाद वो कई बार सुर्खियों में रही है। अभी हाल में ही कश्मीर बोर्ड की दसवी की परीक्षा में 92 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के बाद  टीवी चैनलों की हेडलाइन बनीं। जायरा का 92 प्रतिशत अंक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कश्मीर में जो माहौल है उस माहौल में रहने के बाद इतने अंक प्राप्त करना गीता फोगाट के कुश्ती में किए गए मेहनत से कम नहीं है।

इतनी मेहनती और तेजतर्रार लड़की को खुले तौर पर मांफी इसलिए माननी पड़ी क्योंकि उसने कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मुलाकात की।

अपने ही राज्य के मुख्यमंत्री से मिलना दंगल गर्ल जायरा वसीम को भी इतना डरा देगा उसने खुद भी नहीं सोचा होगा। बाद में जायरा वसीम ने वो पोस्ट सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद हटा दिया लेकिन उसने कई सवाल खड़े कर दिये। माना जा रहा है कि कश्मीर के अलगाववादी उन्हें डरा और धमका रहे हैं। ऐसा मानने का एक कारण यह भी है कि कश्मीर में जो खराब माहौल पिछले 6 महीने से बना हुआ है, उसके लिए अलगाववादी का एक बड़ा तबका मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को जिम्मेदार मानता है।

जायरा वसीम ने अपनी फेसबुक वॉल पर एक खुला माफीनामा पोस्ट किया और उसमें लिखा कि मैं उन सभी लोगों से मांफी मानती हूं जिन्हें मेरी किसी बात का बुरा लगा हो या मेरी किसी हरकत से उन्हें ठेस पहुंची हो। मैं मात्र 16 साल की एक बच्ची हूं। आप मुझे अपनी नासमझ बच्ची समझ कर मांफ कर दें। उन्होंने यह भी लिखा कि पिछले 6 महीने से यहां जो हो रहा है उसे मैं समझती हूं। मैं उस भावना का सम्मान भी करती हूं। साथ ही वसीम ने खुद को युवाओं से अपना रोल मॉडल समझने के लिए मना किया।

उनका कहना था कि ऐसा करना उन लोगों को ठेस पहुंचाना होगा जो हमारे रोल मॉडल है।

इस तरह की धमकी जायरा वसीम के लिए बहुत घातक है। जायरा जिस जगह से, जिस परिस्थितियों से आई है उसे सब के सहयोग की जरुरत है।

उसने अपने फिल्मी कैरियर की पहली सीढ़ी चढ़ी है और उसी पर उसे रोकने का प्रयास करना बहुत गलत है।

इससे न केवल जायरा के कैरियर में रुकावट आएगी बल्कि जायरा जैसा सोचने रखने वाले अन्य कश्मीरी कभी आगे बढ़ने का सोचेगें भी नहीं ।