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इस मंदिर में सोने से महिलाए गर्भवती हो जाती है!

मंदिर में सोने से महिलाए गर्भवती हो जाती है

भारत में विभिन्न तरह के मंदिर है. इसके साथ देवी-देवताओं और उनसे जुड़ी कथाएँ, मान्यताएं, और आस्थाएं प्रचलित है.

कही मंदिर में बिमारी ठीक होती है, तो कही मंदिर में पाप कटते है. हर मंदिर की एक अलग मान्यता है और एक अलग सिद्धि बताई जाती है.

लेकिन किसी मंदिर के फर्श पर सोने से महिलाए गर्भवती हो जाती है. ये गर्भधारण करने वाली घटना हैरत में डाल  देती है.

यह कोई अफवाह या मिथ्या नहीं है बल्कि सच्चाई है.

तो आइये जानते है किस मंदिर में सोने से महिलाए गर्भवती हो जाती है और क्यों!

मंदिर में सोने से महिलाए गर्भवती हो जाती है

मंदिर में सोने से महिलाए गर्भवती हो जाती है –

  • यह मंदिर  हिमाचल प्रदेश में एक गांव में स्थित है, जिसका नाम है सिमसा और इस गाँव की पहाड़ियों में गुफा सामान स्थान में  सिमसा देवी  का एक भव्य और चमत्कारिक मंदिर है.
  • इस मंदिर के फर्श पर सोने से निसंतान स्त्रियों को गर्भधारण की बात कही जाती है और संतान प्राप्ति होती है.
  • जो  स्त्रियाँ संतान ना होने के दर्द से गुजरती है, वो इस मंदिर के फर्श पर सो जाती है और गर्भधारण कर लेती है.
  • इस मंदिर के इस चमत्कार के कारण दूर दूर से  निसंतान स्त्रियाँ यहाँ आती है. इस मंदिर को संतान दात्री का मंदिर भी  कहा जाता है.
  • इस मंदिर में  नवरात्र के समय  यहां सलिन्दरा का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है.
  • सलिन्दरा का मतलब  सपने आना होता है. इस मंदिर में जब  निसंतान स्त्रियाँ दिन रात मंदिर के फर्श पर सोती है. तब उनको स्वपन आते है. इस स्वपन में जो फल मिलता है उसी से संतान प्राप्ति निश्चित की जाती है.
  • नवरात्रों के समय  हिमाचल के आसपास के  राज्यों जैसे हरियाणा, चंडीगढ़ और पंजाब  से हजारों निसंतान स्त्रियाँ इस मंदिर में संतान पाने के लिए आकर मंदिर में सो जाती है.
  • नवरात्रों में इस मंदिर पर  निसंतान स्त्रियों का  डेरा लगा रहता है.
  • स्त्रियाँ इस मंदिर में पूरी श्रद्धा के साथ आती है. जब जब मंदिर के फर्श पर लेटती है तब सिमसा  देवी उनको स्वप्न में इंसान  रूप में या प्रतीक के रूप में आकर संतान प्राप्ति  का वरदान देती है.
  • इस मंदिर की देवी के लिए कहा जाता है कि सिमसा देवी स्वपन में ही स्त्रियों को आशीर्वाद देती है और स्त्रियाँ स्वपन में ही माता से संतान प्राप्ति का वरदान लेती है.
  • इतना ही नहीं बल्कि स्त्री को पुत्र होगा या पुत्री यह भी स्वपन में ही पता चल जाता है.
  • लोगो के अनुसार  स्त्रियों को स्वपन में कंद मूल प्राप्त होना इस देवी का आशीर्वाद माना जाता है और देवी द्वारा ही होने वाली संतान का लिंग भी संकेत भी कहा जाता है.
  • जब स्त्रियों को स्वपन में अमरुद फल हाथ में मिलता है तो पुत्र होता है और जब भिन्डी मिलती है तो पुत्री होती है.
  • लेकिन जब पत्थर धातु व लकड़ी की  वस्तु स्वपन में मिलता है तो उस स्त्री को कभी संतान नहीं होता है.
  • यह बात कही जाती है कि जिस स्त्री को पत्थर धातु व लकड़ी की  वस्तु मिलती है वह दोबारा  मंदिर के अंदर नहीं जा सकती अगर जाती है तो उसके पूरे  शरीर में खुजली  और लाल लाल रंग के  दाग बहार उभरने लगते है इसलिए उसको मज़बूरी वश मंदिर से बहार निकलना ही पड़ता है.
  • इस मंदिर के नजदीक एक पत्थर बहुत प्रचलित है.
  • इस पत्थर की खासियत यह है कि इसको दोनों हाथों से पकड़ कर नहीं हिलाया जा सकता.
  • लेकिन यह पत्थर  हाथ की सबसे छोटी वाली  ऊंगली से हिल जाता है अर्थात इस पत्थर को हिलाने के लिए सिर्फ छोटी ऊँगली का ही उपयोग होता है.

ये थी कहानी मंदिर में सोने से महिलाए गर्भवती हो जाती है –

मंदिर में सोने से महिलाए गर्भवती हो जाती है – यह एक अन्धविश्वाश ही है लेकिन कभी कभी अंध विश्वास करने से भी चीजे सकारात्मक हो जाती है. क्योकि जब विश्वास अटूट और अंध होता है तो उसको तोडना भगवान के लिए भी कठिन हो जाता है.

खैर जो भी लेकिन अगर इस अंधविश्वास से अगर लोगो को फायदा हो रहा और स्त्रियों को संतान प्राप्ति हो जाती है तो एक बार आजमा के देखने में कोई बुराई नहीं.