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पैरेंट्स से अच्छा टीचर और कोई नहीं ! फिर अपने बच्चों को सेक्स एजुकेशन देने में शर्म कैसी !

बच्चों को सेक्स एजुकेशन

एक बच्चे के जीवन में उसके माता-पिता का सबसे अहम रोल होता है.

बच्चे जो ज्ञान घर पर अपने पैरेंट्स से सीख सकते हैं, वो ज्ञान उन्हें शायद स्कूल में भी न मिले.

बच्चों के लिए उनके पैरेंट्स ही होते हैं सबसे बेस्ट टीचर्स.

लेकिन जब भी बच्चा उनसे जिज्ञासा भरे सवाल करने लगता है तो कई बार पैरेंट्स उन सवालों के जवाब देने से कतराते हैं. खासकर जब बच्चा सेक्स एजुकेशन से जुड़ा हुआ कोई भी सवाल करे.

बच्चों को सेक्स एजुकेशन का मतलब सिर्फ शारीरिक संबंधों से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि बच्चों को प्राइवेट पार्ट्स की जानकारी देना, गुड़ टच बैड टच और शरीर में होनेवाले परिवर्तन के बारे में बताना भी सेक्स एजुकेशन के दायरे में आता है.

हालांकि बच्चों के किसी भी सवाल का जवाब देना पैरेंट्स के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.

लेकिन अगर पैरेंट्स ही बच्चों के सवालों का जवाब देने से शर्माने लगें तो फिर उनकी जिज्ञासा कौन शांत करेगा.

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बच्चों को सेक्स एजुकेशन – बच्चों को प्राइवेट पार्ट्स के बारे में बताएं

जैसे-जैसे बच्चे बढ़ते हैं, उनके मन में कई सवाल आने लगते हैं और वो अक्सर जवाब पाने के लिए अपने पैरेंट्स के पास पहुंच जाते हैं. जैसे बच्चे कई बार अपने प्राइवेट पार्ट्स को लेकर पैरेंट्स से सवाल करते हैं.

ऐसे में हर माता-पिता की यह ज़िम्मेदारी है कि अपने बच्चों को प्राइवेट पार्ट्स के बारे में प्यार से बताएं. उनके शरीर के अंगों से संबंधित सवालों का समझदारी से जवाब दें.

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बच्चों को सेक्स एजुकेशन – शारीरिक परिवर्तन के बारे में बताएं.

बढ़ती उम्रे के साथ बच्चों में कई तरह के शारीरिक बदलाव आने लगते हैं, लेकिन कई बार बच्चे समझ नहीं पाते हैं कि उनके साथ ऐसा क्यों हो रहा है इसलिए यहां ज़रूरी है कि माता-पिता बच्चे को उसके शरीर में होनेवाले बदलाव के बारे में बताएं.

उदारहण के तौर पर जैसे आजकल लड़कियों को कम उम्र में भी पीरियड् आ जाता है. अचानक होनेवाले इस परिवर्तन को लेकर लड़कियां समझ नहीं पाती हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है.

ऐसे में लड़कियों की मां उनके लिए बेस्ट टीचर साबित हो सकती हैं, जो उन्हें इस परिवर्तन के बारे में समझा सके.

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बच्चों को सेक्स एजुकेशन – समझदारी से सवालों का जवाब दें

टीवी और इंटरनेट की इस मॉडर्न दुनिया में अक्सर बच्चे अपने सवालों का जवाब पाने के लिए इंटरनेट का सहारा लेते हैं. लेकिन हो सकता है कि उन्हें इंटरनेट से आधी-अधूरी और गलत जानकारी ही मिले.

इसलिए जब भी आपका बच्चा आपसे कोई सवाल करता है, तो उसका जवाब समझदारी से देकर उसकी जिज्ञासा को शांत करें. इस बात का ध्यान रखें कि आपका बच्चा अपना जवाब पाने के लिए इंटरनेट का सहारा न ले.

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बच्चों को सेक्स एजुकेशन – संतुलित तरीके से दें सेक्स एजुकेशन

बच्चों के लिए जितनी अहमियत है स्कूली पढ़ाई की, उतनी ही ज्यादा जरूरत है सेक्स एजुकेशन की. इसलिए बच्चों को घर पर गुड टच और बैड टच के बारे में बताएं.

इसके साथ ही सेक्स एजुकेशन से संबंधित सवालों के जवाब बेहद संतुलित तरीके से दें. ताकि वो अविश्वसनीय और असुरक्षित सूत्रों से मिल रही खतरनाक जानकारी से दूर रह सकें.

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बच्चों को सेक्स एजुकेशन – अपने बच्चों का विश्वास जीतें

कई बार बच्चे डर की वजह अपने पैरेंट्स से खुलकर बात नहीं कर पाते हैं. इसलिए हर पैरेंट्स के लिए बच्चों का विश्वास जीतना बेहद ज़रूरी है.

बच्चे को अपने पैरेंट्स पर इतना विश्वास होना चाहिए कि अगर उसे किसी भी विषय पर कोई जानकारी चाहिए तो कहीं और जाने के बजाय वो अपने पैरेंट्स के पास ही जाए.

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बहरहाल भले ही सेक्स के बारे में खुलकर चर्चा नहीं की जाती है.

लेकिन इस ज़माने में एक बच्चे के लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा इसका ख्याल रखना पैरेंट्स की ज़िम्मेदारी है.

इसलिए घर पर ही अपने बच्चों को सेक्स एजुकेशन दें और उनके सवालों का जवाब बगैर शर्माए समझदारी दें.