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पापा से बहोत पिटी – घर से भागी – और तीसरी बार नेशनल अवार्ड जीता !

कंगना राणावत

सारा लंडन ठुमकता….

मंगलवार के दीन इस गीत पर कंगना के साथ पुरे हिमाचल प्रदेश ने बेहद ठुमके लगाए.

उस पिता ने भी ठुमके लगाए जिन्होंने कभी कंगना को बहोत पिटा था. बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना राणावत ने मंगलवार को तीसरी बार नेशनल अवॉर्ड हासिल किया और अपने परिवार का नाम रौशन किया. ये वो परिवार है, जो नहीं चाहता था कि कंगना कलाकारा बने. खुशी के इस मौके पर आइये हम आपको कंगना से जुडी कुछ रोचक किस्से बताते है जिसे सुनकर आप भी ठुमक पड़ेंगे.

पिता अमरदीप राणावत

कंगना राणावत के पिता अमरदीप राणावत पेशे से बिजनेसमैन हैं. वो बेटी को डॉक्टर बनाने चाहते थे इसलिए कंगना का एडमिशन चंडीगढ के डीएवी स्कूल में कराया गया ताकि वो अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर सके. लेकिन कंगना को मेडिकल की किताबें नही बल्कि रैम्प पर चलना पसंद था. स्कूल में कोई भी इवेंट हो, कंगना हमेशा मॉडलिंग करने के लिए तैयार थी. कंगना के सर मॉडलिंग का भूत इस कदर चढ़कर बोलने लगा कि स्कूल जाना ही छोड़ दिया और हॉस्टल से पीजी में शिफ्ट हो गई. पिता अमरदीप को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने कंगना की बेहद पिटाई की.

ज्योतिष में है विश्वास

कंगना राणावत ज्योतिष में काफी विश्वास करती हैं. वो जब भी मंडी आती हैं तो ज्योतिषि और अपने गुरु लेखराज शर्मा से जरूर मुलाकात करती हैं. बीते मार्च महीने में कंगना अपने परिवार के साथ अपने गुरु से जाकर मिली थी. गुरु लेखराज शर्मा के कहने पर कंगना मनाली के सिमसा में घर भी बनवा रही है.

कंगना के लिए खास है उनके दोस्त

कंगना राणावत अपने बचपन के दोस्तों को बहुत पसंद करती हैं.
वो जब भी अपने घर आती हैं तो बचपन की यादों को दोस्तों साथ जरूर ताजा करती हैं. उनके स्कूल फ्रेंड्स आज भी कॉन्टैक्ट्स में हैं. अपनी फिल्म तनु वेड्स मनु रिटर्न फिल्म के प्रमोशन के दौरान वो चंडीगढ़ के डीएवी स्कूल भी पहुंची थी और दोस्तों से मिली थी.ये वही स्कूल है जहां कंगना पढ़ती थी.

ऐसी थी बचपन की लाइफ

कंगना का जन्म 23 मार्च 1987 को हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के पास भांबला में हुआ.

इनका बचपन मनाली में गांव वाले माहौल में बीता है. कंगना बचपन में ही कहती थी कि वो बड़ी होकर मिस इंडिया बनेगी, जिससे सबसे ज्यादा उसके पिता गुस्सा होते थे.

इस बॉलीवुड क्वीन की मां “आशा राणावत” टीचर थी, जो हमेशा कंगना का साथ देती रही है. बचपन से ही कंगना अपने ड्रेसिंग को लेकर काफी एक्टिव रहती थी. अक्सर वे अपने हॉस्टल के कमरे में सभी दोस्तों को बुला कर दुसरो की एक्टिंग किया करती थी.

दिल्ली पहुंच गई कंगना

बिना परिवार की आज्ञा लिए ही चंडीगढ़ से दिल्ली आ गई कंगना. तब महज 15 साल की होंगी. इस बात से गुस्सा होकर कई सालो तक पिता ने कंगना से बात नहीं की. कंगना ने दिल्ली आकर अस्मिता थिएटर ग्रुप जॉइंट किया. 5 -6 महीने में काफी मशक्कत के बाद आखिरकार सुप्रसिद्ध रंगमंच निर्देशक अरविंद गौड़ ने कंगना को पहला मौका दिया. बैक स्टेज पर काम करने का. बैक स्टेज पर काम करते करते एक इवेंट में उन्हें एंकरिंग करने का चांस मिला, जिसे वो अपना पहला ब्रेक मानती है.

मुंबई बॉलीवुड की क्वीन बन गई कंगना

कंगना के कदम रुकने का नाम ही नही ले रहे थे मानो. कंगना पहुंच गई सपनो के शहर मुंबई. जहां पर 2006 में फिल्म गैंगस्टर से अपने दमदार अभिनय की शुरुवात की. इस फिल्म ने कंगना को एवार्ड भी दिलाया और फिल्मों का सिलसिला बढ़ता चला गया. अब कंगना को बॉलीवुड की क्वीन के नाम से जाना जाता है. पिता अमरदीप को बेटी पर नाज़ है.

लगातार तीसरी बार नेशनल एवार्ड हासिल कर चुकी कंगना राणावत को हमारी ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं.

आप इसी तरह अपना अपने पिता नाम रोशन करती रहे हमारी यही दुवाएं है.