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फोन की डायलर टोन आपके व्यक्तित्व के छिपे राज को कुछ इस तरह से बयाँ करते हैं।

फोन की डायलर टोन

“जुनून है मेरा, बनूं मैं तेरे काबिल तेरे बिना गुजारा ऐ दिल है मुश्किल…”

जब भी ‌रौनित प्रिया को फोन मिलाता, ये डायलर टोन सुनकर उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है। आए भी क्यों ने आ‌खिर दोनों एक दूसरे के लिए कमिटेड जो हैं। कुछ ऐसा ही हाल आलोक और मंजू का भी है। आलोक ने मंजू के लिए खासकर तौर पर  “तेरे वास्ते मेरा इश्क सूफियाना…” गाना लगा रखा है।

पर क्या आप जानते हैं? ये फोन की डायलर टोन आपके व्यक्तित्व के छिपे राज को भी बयां करते हैं।

चलिए देखते है आपके फोन की डायलर टोन क्या क्या राज़ खोलती है –

1 – इंट्रोवर्ट लोगों की लाइफलाइन –

इंट्रोवर्ट यानी अंतर्मुखी लोगों के लिए अपनी हालत बयां करना काफी मुश्किल होता है। ऐसा कहना है काउंसलर अल्पना रस्तोगी का। वे बताती हैं कि इसलिए कई बार लोग जो बातें जाहिर नहीं कर पाते उसे किसी न किसी माध्यम से कहते हैं। हालांकि इस विषय पर अब तक कोई साइंटिफिक स्टडी नहीं आई है फिर भी हम ये कह सकते हैं कि जो भी गाने हम चुनते हैं, वो कहीं न कहीं हमारी इंटरनल मेंटल कंडीशन बताती है।

2 – अपनी स्थिति छिपाने का भी एक तरीका –

कहा जाता है हर हंसने वाले चेहरे के पीछे भी आंसू छिपे होते हैं। यही बात उन लोगों पर सटीक बैठती है। जो अपने स्वभाव से विपरीत डायलर टोन लगाते हैं। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई व्यक्ति बहुत परेशानी में है इसके बाद भी वो दुनिया के सामने खुद को खुश साबित करने के लिए कोई जोक या फनी गाने की रिंगटोन लगा लेता है। यदि ऐसा है तो उस व्यक्ति को समझिए उसकी हंसी के पीछे के आंसुओं को पोंछने की मदद करिए।

3 – सुकून की चाह यानी धार्मिक रिंगटोन –

साइकॉलॉजिस्ट डॉ. पीके खत्री की मानें तो एक एज में जाकर इंसान मैच्योर होने के बाद धर्म की राह पर अग्रसर होता है। वे कहते हैं, अक्सर लोग धार्मिक डायलर टोन लगाते हैं, जो इस बात का संकेत है कि कहीं न कहीं आप अपनी जिंदगी में सुकून की चाहत रखते हैं और इसमें खलल या दखलअंदाजी आप पसंद नहीं करते। हालांकि इससे उलट काउंसर अल्पना कहती है कि धर्म की बेड़ियों में बंधे लोग अक्सर धार्मिक डायलर टोन  लगा सकते हैं। इन्हें हम इन्सेक्योर पर्सनालिटी कहें तो बेहतर रहेगा। अक्सर देखा गया है इस प्रवृत्ति के लोग धर्म के नाम पर डरने लगते हैं। काले, लाल रंग बिरंगे धागे पहनने से ही इनमें आत्मविश्वास आता है। ऐसा अमूमन 10 में से तीन लोगों में देखा गया है।

4 – सैड सान्ग यानी डिप्रेशन –

फोन की डायलर टोन के नाम पर सैड सॉंन्ग लगाना कहीं न कहीं व्यक्ति की तकलीफ या उसका डिप्रेशन बयां करता है। देखा गया है कि ऐसे लोग अपने मन की बात मन में ही रखते हैं जो उनके लिए ठीक नहीं। यदि आपकी नजर में कोई ऐसा हो तो फौरन उसकी मदद को तैयार हो जाएं। क्या पता आपकी मदद से किसी की जिंदगी संवर जाए।

5 – रामांटिक गाने यानी फीलिंग्स का इजहार –

किसी के प्रति अपनी फीलिंग्स का इजहार करना सबके बस की बात नहीं। रोमांटिक डायलर टोन लगाने वाले व्यक्तित्व के लोग फीलिंग्स का इजहार करने में थोड़ा हिचकिचाते हैं। इस कारण ऐसे लोग संकोच करते हुए अपना हाल ए दिल बयां कर पाते हैं। हालांकि इनका रोमांटिक अंदाज किसी को भी अपनी अदा का दीवाना बना सकता है।

इस तरह से फोन की डायलर टोन आपका व्यक्तित्व दर्शाती है – इसीलिए कहा जाता है कि हाल ए दिल बयान करने से पहले दिल की सुन लें, क्या पता आप अपने दिल की आवाज जिस तक पहुँचाना चाहते हैं उस तक पहुँच ही जाए। यहाँ एक खास बात और भी है कि अगर आपको अपनी पर्सनाल्टी के बारे में किसी को बिना कुछ बताये भी बहुत कुछ बताना है तो आप बेशक अपने से सूट करता हुआ कोई बेहतरीन फोन की डायलर टोन लगाएं और सब पर अपना इम्प्रेसशन जमाएं।