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इस वजह से मैट्रीमोनियल साइट्स पर बैन लगाने की तैयारी में है सरकार !

मैट्रीमोनियल साइट्स

भारत में कई ऐसे मैट्रीमोनियल साइट्स खुल गए हैं जिनके जरिए अधिकांश लड़के-लड़कियां अपने लिए परफेक्ट मैच तलाशने लगे हैं. यहां तक कि कई मैट्रीमोनियल साइट्स के टेलीविजन पर बकायदा विज्ञापन भी दिखाए जाते हैं.

अगर आप भी मैट्रीमोनियल साइट्स के जरिए अपनी शादी के लिए परफेक्ट पार्टनर तलाशने की सोच रहे हैं तो हम आपको बता दें कि केंद्र सरकार जल्द ही कई मैट्रीमोनियल साइट्स पर बैन लगाने जा रही है.

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर सरकार इन मैट्रीमोनियल साइट्स पर पाबंदी क्यों लगाना चाहती है और इन साइट्स से आखिर सरकार को क्या परेशानी हो रही है.

अगर आप वाकई में ऐसा ही कुछ सोच रहे हैं तो हम आपको बता दें कि सरकार ने यह फैसला आम जनता के हित को ध्यान में रखते हुए लिया है.

दहेज प्रथा को बढ़ावा देनेवाले साइट्स की अब खैर नहीं

दरअसल केंद्र सरकार ने दहेज प्रथा को बढ़ावा देनेवाली तमाम वैवाहिक साइट्स पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है. इसके लिए सरकार ने बकायदा देश के सभी राज्यों को दिशानिर्देश भी जारी कर दिया है. राज्यों को दिशानिर्देश जारी करने के बारे में खुद केंद्र सरकार ने बॉम्बे हाइकोर्ट को सूचित किया है.

केंद्र सरकार ने दहेज पर वकील प्रिसिला सैम्युएल की एक जनहित याचिका पर हाल ही में अपने हलफनामे में कहा है कि ऐसे दिशा निर्देश महाराष्ट्र समेत देश के सभी राज्यों को दिए गए हैं और अब इसपर राज्य की सरकारों को सख्त कदम उठाना होगा.

इस जनहित याचिका में यह दावा किया गया है कि दहेज निषेध अधिनियम 1961 में बना है बावजूद इसके दहेज प्रथा पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकारों ने कोई खास कदम नहीं उठाये हैं.

तो क्या अब मैट्रीमोनियल साइट्स हो जाएंगे बंद?

खबरों के मुताबिक कई वैवाहिक साइट्स लड़के और लड़की की मुलाकात तो करवा देते हैं लेकिन जब बात शादी की आती है तो फिर लड़की वालों से दहेज की मांग भी की जाती है.

लेकिन अब केंद्र सरकार के इस दिशा निर्देश के बाद राज्य सरकारों को उन वैवाहिक साइट्स पर कार्यवाही करनी होगी जो परफेक्ट मैच कराने के नाम पर दहेज प्रथा को बढ़ावा दे रहे हैं.

बहरहाल अगर देश के सभी राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार के इस दिशा निर्देश का सख्ती से पालन किया तो वो दिन दूर नहीं जब देशभर में चलाए जानेवाले मैट्रीमोनियल साइट्स पूरी तरह से बैन कर दिए जाएंगे.