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हिन्दू धर्म को नाज होना चाहिए इन साध्वियों पर ! सनातन धर्म की शान हैं यह 5 साध्वियां

साध्वियां

संत लोगों की वजह से ही हिन्दू धर्म आज तक चलता आ रहा है.

आज वर्तमान में सनातन धर्म का झंडा अगर किसी ने बुलंद कर रखा है तो वह साध्वियां ही हैं.

अपनी मातृत्व शक्ति के आधार पर यह समाज को नई दिशा भी दे रही हैं और रानी लक्ष्मीबाई की तरह समाज का नेतृत्व भी कर रही हैं.

आज यंगिस्थान आपको देश की 5 ऐसी साध्वियों से बारें में बताने वाला है जिन्होंने 20 वी सदी अपने नाम कर ली है. ये साध्वियां ऐसे मुद्दों पर बेबाक बोली हैं जिन पर पुरूष वर्ग बोलने से डर रहा था. तो आज हिन्दू धर्म को इन साध्वियों पर नाज होना चाहिए.

1.   साध्वी ऋतम्भरा

वात्सल्य ग्राम की नींव रखकर, साध्वी ऋतम्भरा ने हजारों अनाथ बच्चों को नया जीवन दिया है.

कभी आप वात्सल्य ग्राम में जायेंगे तो देखेंगे कि कैसे बच्चों के चरित्र का सकारात्मक निर्माण किया जा रहा है. लुधियाना के एक हलवाई परिवार से ताल्लुक रखनेवाली साध्वी ऋतंभरा जी अपने व्यक्तित्व के कारण ही अपनी पहचान बना पाई है. राम जन्मभूमि का आन्दोलन एक ऐसा आन्दोलन था जिसने इनकी पहचान को विश्व स्तर तक ले जाने में मदद की है. लेकिन ऋतम्भरा जी की सबसे बड़ी बात यह रही कि इन्होनें मौका होते हुए भी राजनीति में कदम नहीं रखा अपितु समाज सेवा को ही चुना.

हिन्दू धर्म की रक्षा क लिए ऋतम्भरा जी सदैव सबसे आगे खड़ी  रहती हैं.

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2.   साध्वी सरस्वती

जब साध्वी सरस्वती महज 5 साल की थी तभी से वह राम कथा करती आ रही हैं.

कहता हैं कि 5 साल की उम्र में भी वह इस तरह से राम कथा करती थीं कि जैसे कोई 60 साल का अनुभवी व्यक्ति कथा कर रहा हो. अभी हाल में साध्वी सरस्वती जी लव जिहाद के मुद्दे पर हिन्दू लोगों को जगाने का काम कर रही हैं.

साध्वी जी हिन्दू धर्म की लड़ाई को अकेले और अपने दम पर लड़ रही हैं.

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3.   साध्वी प्राची

दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब देने साध्वी प्राची जी को कौन नहीं जानता है.

बेशक कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि वह विवादों से घिरी रहती हैं लेकिन ऐसा इसलिए है क्योकि साध्वी जी हमेशा ही ऐसे मुद्दों पर बोलती हैं जिनसे हिन्दू धर्म को खतरा है. अगर मुस्लिम आबादी में हर व्यक्ति 5 से 6 बच्चे पैदा कर रहा है और जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है तो इस समस्या को साध्वी जी ने ही जन-जन तक पहुँचाया है. साध्वी प्राची मूल रूप से यूपी के बागपत जिले की निवासी हैं.

वहां के गांव सिरसली में एक दलित परिवार में साध्वी प्राची का जन्म हुआ. इनका पूरा परिवार आर्य समाजी है.

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4.   साध्वी निरंजन ज्योति

भारतीय जनता पार्टी में मंत्री और फतेहपुर की सांसद साध्वी निरंजन ज्योति को कुछ समय पहले तक बहुत कम लोग जानते थे.

लेकिन जब ‘रामजादों’ या ‘हरामजादों’ वाला ब्यान साध्वी जी ने दिया तो सभी निर्जन ज्योति जी का नाम इन्टरनेट पर खोजने लगे थे. साध्वी निरंजन ज्योति जी कहती हैं कि अगर इस देश में रहना है, तो ‘भारत माता की जय’ कहना होगा.

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5.   साध्वी उमा भारती

अब साध्वी उमा भारती को कौन नहीं जानता है.

एक स्वच्छ छवि और साहस की मिसाल उमा भारती, अभी मोदी सरकार में जल संसाधन मंत्रालय संभाल रही है. जब उमा जी महज 10 साल की थीं तभी से राम कथा करते हुए अपनी पहचान बना चुकी हैं. राम मंदिर और गंगा के मुद्दे पर उमा भारती काफी समय से बेबाक बोलती हुई आ रही हैं. जहाँ पर सनातन और हिंदुत्व की बात आती है, वहां साध्वी उमा भारती सबसे आगे खड़ी रहती हैं.

फिर चाहे कश्मीर में तिरंगा लहराना हो या फिर राम मंदिर निर्माण की बात हो.

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तो यह 5 साध्वियां हिन्दू धर्म की शान हैं.

लेकिन देश में एक खास वर्ग, इनको इस तरह से पेश कर रहा है जैसे कि यह साध्वियां अपराधी हों. आज हम सभी को समझना होगा कि इन्हीं संत महिलाओं की वजह से हमारा समाज सही राह पर चल रहा है.

अगर हमारा धर्म आज भी बचा हुआ है तो उसमें संतजनों का ही सबसे बड़ा योगदान है.