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उसके मंगेतर की हो गयी थी मौत लेकिन वह खास रात को साया बनकर आता था ! मोहब्बत की एक डरावनी और दर्दनाक कहानी

मंगेतर

मोहब्बत की ऐसी कहानी आपने निश्चित रूप से कभी नहीं पढ़ी होगी.

मध्य प्रदेश की रहने वाली कुसुम (परिवर्तित नाम) ने कभी सोचा नहीं था कि जिंदगी उसको ऐसे दिन भी दिखाएगी.

वह जिसको प्यार करती थी, उसकी मौत एक दिन सड़क हादसे में हो जाती है.  दोनों ने तीन साल पहले जीने-मरने की कसम खाई थी और शादी से 5 माह पहले ही मंगेतर की मौत हो जाती है.

जाने वाला तो चला जाता है लेकिन कुसुम पर जो बीत रही थी वह कोई नहीं जानता था. घर वाले जल्द से जल्द उसकी शादी कहीं और करना चाहते थे. ताकि उनकी बेटी का बचा हुआ जीवन इस तरह से बर्बाद न हो जायें.

एक रात कोई कुसुम से मरने के लिए बोलता है

कुसुम का जीवन जैसे-तैसे चल रहा था. लेकिन एक रात कुसुम को महसूस होता है कि कोई उसके कान में आकर बोल रहा है कि तुम आत्महत्या कर लो. हमने साथ-जीने मरने का वादा किया था और अब तुम उस वादे को निभा नहीं रही हो. कुसुम अगले दिन यह बात अपनी एक दोस्त को बताती है और वह इसे उसका भ्रम बताती है. लेकिन कुसुम इस एहसास को भूल नहीं पा रही थी. वह जानती थ कि यह सपना नहीं था. वह जाग रही थी और उसका प्यार उसके कान में कुछ बोल रहा था. वह इसी दिन अपने हाथ की नस काट लेती है.
घर वाले कुसुम को अस्पताल ले जाते हैं और वहां फिर किस्मत एक नया मोड़ लेती है. कुसुम बच जाती है. घर वालों को जब कुसुम यह बोलती है तो सभी इसको दिमागी बीमारी समझते हैं.

हर महीने एक खास रात को वह आता था

इसके बाद कुसुम का ईलाज शहर के अच्छे मनोवैज्ञानिक डॉक्टर से चल रहा होता है.

कुसुम जानती थी कि उसके साथ कोई होता है. हर महीने की एक खास रात को उसका मंगेतर, साया बनकर उसके पास आता था. वह आज भी कुसुम से बहुत प्यार कर रहा होता है. लेकिन अब मंगेतर कुसुम से मरने की बातें नहीं बोलता था. वह आता था, कुसुम को अपने होने का एहसास दिलाता था और चला जाता था.

कहीं ना कहीं कुसुम को भी अब इस रिश्ते में अच्छा लगने लग जाता है. वह अब हर महीने की अमावस्या की रात को खास तरह से तैयार होकर मंगेतर इन्तजार कर रही होती थी. घर वाले समझ रहे थे कि यहाँ कुछ तो गड़बड़ हो रही है.

जो भी रिश्ता कुसुम के लिए आता था वह किसी ना किसी वजह से खत्म हो जाता था. सबसे बड़ी बात यह थी कि कुसुम किसी के साथ कोई गलत नहीं करती थी. जो आता था उसके सामने बड़ी इज्जत से खुद को पेश करती थी.

लेकिन एक दिन जब कुसुम ने उससे पूछा कि

लेकिन समस्या तब शुरू हुई जब एक रात को उसने अपने प्यार से पूछा कि उन दोनों का अब भविष्य क्या है? तुम मुझे मिल नहीं सकते हो. तुम आते हो और फिर अगले महीने के लिए न जाने कहाँ चले जाते हो? तो ऐसे में अब वह क्या करे? कुसुम का यह पूछना उसके लिए खतरनाक साबित होता है और वह कुसुम पर जानलेवा हमला कर देता है.

कुसुम के घर वाले बताते हैं कि हमला इतना तेज था कि तुरंत कुसुम के सर से खून निकलने लगता हैं. घर वाले कुसुम को डॉक्टर के पास ले जाते हैं. कुसुम जब घर आकर सच बताती है तो पहले तो कोई यकीन नहीं करता है लेकिन बाद में सभी यकीन करते हैं.

कुछ समय बाद घर में होने लगती हैं अजीब बातें

इसके बाद कुसुम को कोई भी अकेले नहीं छोड़ता था. इस बात से वह और बिगड़ जाता है. साथ ही साथ घर के अन्य लोगों को भी परेशान करने लग जाता है. यहाँ तक कि कुसुम के घर वाले बताते हैं कि घर के पालतू कुत्ते की मौत का कारण भी वही था.

तब अचानक घर आते हैं एक बाबा

अब इसको भगवान का चमत्कार ही बोलेंगे कि एक दिन अचानक से ही घर पर एक बाबा आते हैं और भोजन मांगते हैं. वह बाबा घर में बैठकर भोजन करते हैं और कुसुम को देखकर हँसते हुए, मेंहदीपुर बालाजी जाने की बात करते हैं. जब कुसुम के पिता इस सारी समस्या को बाबा से कहते हैं तो वह फिर से मेंहदीपुर बालाजी जाने की बात बोलकर चले जाते हैं.

घर वाले इसी बात का अनुसरण कर बालाजी के दरबार में आते हैं और सारी समस्या से हनुमान जी को अवगत कराते हैं. परिवार वाले बताते हैं कि मुख्य मंदिर में ही कुसुम बेहोश हो गयी थी और जब वह उठी तो हसती-मुस्कुराती हुई उठती है.

अब इसे आप बेशक एक कहानी समझ सकते हैं लेकिन जब आप मेहंदीपुर बालाजी के दरबार में जाते हैं तो आपको वहां ऐसी एक नहीं, बाबा के चमत्कार की हजारों कहानियां सुनने को मिल जायेंगी. जब मेरी मुलाकात कुसुम से हुई तो वह हँसती-मुस्कुराती हुई, मुझे मिली थी. उसके दर्द और मोहब्बत की चोट को साफ-साफ देखा जा सकता था लेकिन वो कहते हैं ना कि हर चीज हमारे हाथ में नहीं होती है, जिंदगी से बहुत ज्यादा खिलवाड़ करना भी सही नहीं रहता है.

(कुसुम और उसके परिवार से मेरी मुलाकात, पिछले एक माह पहले हुई थी. अब कुसुम के लिए आ रहे रिश्तों का भी जवाब सकारात्मक आने लगा है.)