ENG | HINDI

गेम डेवलपमेंट में कैरियर : क्रिएटिविटी से भरा ये कैरियर काफी दिलचस्प है !

गेम डेवलपमेंट में कैरियर

जरुरी नहीं है कि आज के समय में भी वही आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस पढ़ा जाये।

आज कैरियर के कई सारे ऑप्शन हमारे सामने मौजूद है। उनमें से ही एक है गेम डेवलपर या गेम डिज़ाइनर। अगर आपको भी कम्प्यूटर्स, मोबाइल्स और लैपटॉप्स पर गेम खेलना पसंद है तो इस इंडस्ट्री में कैरियर बनाना आपके लिये एक सही विकल्प हो सकता है।

अगर आप भी क्रिएटिविटी के साथ अपनी टेक्निकल स्किल्स को शार्प करना चाहते हैं, तो गेम डेवलपमेंट में कैरियर बना सकते हैं। आज के युवाओं का गेम में काफी इंटरेस्ट होता है। वह हर ऑनलाइन खेले जाने वाले खेल को काफी मजे से खेलते है। साथ ही उस गेम को लेकर अपनी सोच भी जाहिर करते है कि किस तरह से उस गेम को और क्रिएटिव बनाया जा सकता है।

गेम डेवलपमेंट में कैरियर – 

क्या है गेम डिजाइनिंग?

गेम डिजाइन करना एक लंबी और बहुआयामी प्रक्रिया है, जिसमें टीम के प्रोफेशनल्स अपनी क्रिएटिव और टेक्निकल स्किल्स के जरिए गेमिंग सॉफ्टवेयर तैयार करते हैं। गेम डेवलपमेंट में कई प्रक्रियाएं शामिल होती हैं, जैसे कॉन्सेप्ट की आउटलाइनिंग करना, रूल्स और प्रिंसिपल्स का डॉक्यूमेंटेशन, ग्राफिक्स डेवलपमेंट आदि। अब नई तकनीक के चलते वीडियो गेम्स भी 3डी प्लेटफॉर्म पर डिजाइन किए जाने लगे हैं।

जरूरी कोर्स

इस फील्ड में कैरियर बनाने के लिए इंटर में कम्प्यूटर विषय लें। कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग के लिए बीसीए, एमसीए या इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में बीटेक या बीई करें। ग्रेजुएशन के बाद आप डिप्लोमा इन गेम डिजाइन एंड गेमिंग, वीडियो गेम डिजाइन एंड डेवलपमेंट सर्टिफिकेशन, एडवांस्ड डिप्लोमा इन गेम डिजाइन जैसे कोर्स कर सकते हैं। आप 2डी और 3डी दोनों में से कोई भी एक प्लेटफॉर्म चुन सकते हैं और उसके बाद उससे जुड़ी एप्लिकेशंस पर काम कर सकते हैं।

वर्क प्रोफाइल

गेम डिजाइनिंग में कई स्टेप्स पर काम होता है। इसके शुरुआती चरण में आर्ट्स डिजाइनिंग व क्रिएशन पर काम किया जाता है। इसके बाद कॉम्प्रिहेन्सिव स्टोरी लाइन तैयार की जाती है, जिसमें स्क्रिप्टिंग, कैरेक्टर स्केचिंग ऑब्जेक्ट्स, लेवल्स और बैकग्रांउड डिजाइनिंग शामिल हैं। इसके बाद कम्प्यूटर पर इसकी त्रि-आयामी (3 डी) डिजाइन तैयार की जाती है। इस स्टेज में डिजाइनर्स को कैरेक्टर्स के फेशियल एक्सप्रेशंस व फीचर्स पर खास ध्यान देना होता है। इसके बाद साउंड इफेक्ट्स, वीडियो रिकॉर्डिंग्स और बैकग्राउंड म्यूजिक तैयार किया जाता है। इसके बाद प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की मदद से गेमिंग सॉफ्टवेयर तैयार किया जाता है।

भविष्य की संभावनाएं

आप बड़े गेमिंग ऑर्गनाइजेशंस में बतौर गेम डेवलपर, गेम डिजाइनर, गेम आर्टिस्ट, गेम एंड नेटवर्क प्रोग्रामर,स्क्रिप्ट राइटर व गेम टेस्टर काम कर सकते हैं। ट्रेनी के तौर पर आपकी सैलरी 10,000 रुपए के आसपास होगी, जो अनुभव के साथ 80,000 रुपए तक पहुंच सकती है।

प्रमुख संस्थान

  • इंडियन स्कूल ऑफ गेमिंग
  • जी इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव आर्ट्स
  • एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गेमिंग एंड एनिमेशन
  • माया अकेडमी ऑफ एडवांस्ड सिनेमेटिक्स
  • ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ गेमिंग एंड एनिमेशन
  • आईसीएटी डिजाइन एंड मीडिया कॉलेज
  • पिकासो एनिमेशन कॉलेज

ऑनलाइन भी हैं कोर्सेस

-गेम डेवलपर के लिए कोर्सेस ऑनलाइन भी मौजूद हैं। इनके जरिए आप घर में ही गेम डेवलपिंग सीख सकते हैं। इन वेबसाइट्स पर ऑफर किए जा रहे कोर्स
-www.udemy.com
-www.coursera.org

कौन कर सकता है

बीए, बीकॉम, साइंस या अन्य किसी स्ट्रीम से ग्रैजुएट स्टूडेंट्स भी इस कोर्स को कर सकते हैं। 12वीं तक पढ़ाई कर चुके स्टूडेंट्स भी कोर्स के लिए पात्र होते हैं। ग्रैजुएशन में यदि किसी का टेक्निकल बैकग्राउंड है तो उसे और ज्यादा सपोर्ट मिल जाता है।

कहां मिलेगी जॉब

  • स्किल डेवलप होने के बाद आप घर से ही ऑनलाइन काम शुरू सकते हैं। गेम डेवलप करके गूगल प्लेस्टोर पर अपलोड कर सकते हैं। यहां से गेम डाउनलोड होने पर आपको ऑनलाइन भुगतान प्राप्त होगा।
  • खुद की वेबसाइट शुरु करके फ्रीलांसिंग शुरु कर सकते हैं। आउटसोर्सिंग के जरिए काम कर सकते हैं।
  • दिल्ली, बैंगलुरु, हैदराबाद जैसे शहरों में बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां हैं जहां गेम डेवलपर्स की जरुरत है। आप यहां भी जॉब के लिए ट्राय कर सकते हैं।

अगर आप भी गेम डेवलपमेंट में कैरियर को लेकर कंफ्यूज है तो क्रिएटिविटी से भरा गेम डेवलपमेंट में कैरियर आपके लिए बेहतर हो सकता है।