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अपनी ऑफ़िस लाईफ़ की इन ख़राब आदतों को बदलें वरना मुश्किल में पड़ जाएँगे!

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आजकल ज़िंदा रहने के मायने आपके काम से लगाए जाते हैं|

अगर आप काम कर रहे हैं, ढेरों पैसे कमा रहे हैं, सारी दुनिया के ऐशो-आराम ख़रीद पा रहे हैं, तभी ज़िंदा हैं वरना नहीं! और ऐसी ज़िन्दगी की दौड़ में कब आपकी ज़िन्दगी आपके हाथों से फ़िसल जाती है, पता ही नहीं चलता|

इसलिए ज़रा थम जाइए, अपनी ऑफ़िस लाईफ़ में ज़रा संयम लाईये और इन आदतों को बदलिये वरना मुसीबत में फँस जाएँगे:

1) नाश्ता नहीं करना

रात को देर तक काम किया, सुबह देर से उठे और बिना कुछ खाए फिर काम पर निकल लिए! भाई साहब, सुबह का नाश्ता राजाओं जैसा होना चाहिए, अब तो सारी दुनिया इस बात की रट लगा रही है, आप कब सीखोगे? दिन की सबसे ज़रूरी ख़ुराक नाश्ते में खानी चाहिए, यह बात गाँठ बाँध लीजिये!

2) एक साथ हज़ार काम

इसे मल्टीटास्किंग भी कहते हैं और कई लोग इसके लिए आपको कन्धों पर भी बैठाएँगे लेकिन यह जान लीजिये कि एक साथ एक ही वक़्त में कई सारे काम करने से आपके दिमाग़ पर बुरा असर पड़ता है! तनाव बढ़ता है और सेहत ख़राब होती है| एक बार में एक ही काम पर ध्यान दें और वो भी बिना चिंता किये हुए!

3) भूखप्यास भुला देना

माना कि डेडलाइन ज़रूरी है लेकिन आपकी सेहत से ज़रूरी कुछ नहीं| लंच के लिए या सिर्फ़ पानी पीने के लिए लिया हुआ ब्रेक आपको फ्रेश कर देता है और खाने से दुगुनी स्फ़ूर्ति तो आती ही है! इसीलिए वक़्त पर खाएँ और बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें|

4) अपने हाथ से ही काम बिगाड़ना

कितना अच्छा लगता है ना सोचते-सोचते चेहरे को हथेलियों पर टिका देना या थकान होने पर आँखें मल देना| ध्यान रहे, चहरे की त्वचा बहुत ही नाज़ुक होती है| इस तरह बार-बार हाथ लगाने से त्वचा ख़राब होने की सम्भावना तो बढ़ती ही है, अनेक जर्म्स, कीटाणु, बैक्टीरिया वगेरह भी हाथों के ज़रिये आँखों, मुँह या नाक में प्रवेश कर सकते हैं!

5) बस बैठे रहना

माना कि आपकी नौकरी दिन भर कंप्यूटर के सामने बैठ के काम करने की है लेकिन किसी ने यह तो नहीं कहा आपको कि बस बैठे ही रहो, थोड़ा-बहुत भी उठो मत, चलो मत! यूँ सिर्फ़ बैठे रहने से मोटापा बढ़ता है, दिल की बीमारी और डायबिटीज़ होने का ख़तरा भी बढ़ जाता है!

6) फ़ोन के साथ चिपके रहना

आज कल फ़ोन हमारा सुख-दुःख का साथी बन गया है और टॉयलेट तक में हमारे साथ जाता है! लेकिन याद रहे, इसी वजह से उस में इतने कीटाणु पाये जाते हैं जितने कि आपके टॉयलेट में भी नहीं| इसलिए फ़ोन से थोड़ी कम रिश्तेदारी निभाइए, कुछ देर अलग रहने की भी कोशिश कीजिये!

7) घर पर भी काम

ऑफ़िस से घिस के निकले, फिर घर पर भी मेल्स, मेसेजेस और काम की बातें ख़त्म नहीं होतीं! थोड़ी दूरी बनाइये, अपने घर के कुछ नियम रखिये और कोशिश कीजिये कि काम और निजी ज़िन्दगी में थोड़ा संतुलन बन सके!

एक ही ज़िन्दगी है दोस्तों, पैसे सब कमाते हैं, लेकिन अच्छी सेहत के साथ जी पाना सब को नसीब नहीं होता| अपने जीवन और ख़ास तौर पर ऑफ़िस के जीवन में बदलाव लाईये और एक सेहतमंद खुशहाल ज़िन्दगी के मज़े उठाईये!